बिहार में अवैध बालू खनन पर लगेगी रोक, अब सभी घाटों की ड्रोन कैमरे से की जाएगी निगरानी, प्रशासन का ये है प्लान..

न्यूज डेस्क : बिहार में अवैध बालू खनन चरम सीमा पर है। प्रशासन और राज्य सरकार की सख्ती के बावजूद भी गंगा और सोन के तटों पर लगातार अवैध बालू के खनन जारी है। हालांकि, अभी बाढ़ की वजह से एनजीटी के निर्देशों के अनुसार एक जुलाई से 30 सितंबर तक इस पर रोक है। लेकिन, इसी बीच खबर आ रही है कि अब 1 अक्टूबर से राज्य के नदी घाटों पर फिर से खनन शुरू हो जाएगा।

लेकिन इस बार बालू खनन प्रशासन और राज सरकार की निगरानी में की जाएगी। इसके लिए प्रशासन की ओर से लगातार तैयारी जारी है। बता दे की इस बार नदी घाटों पर खनन की ड्रोन से मॉनीटरिंग, चालान की जांच सहित हाइटेक व्यवस्था से निगरानी की जायेगी। इसके साथ ही मुख्यालय स्तर से निगरानी की व्यवस्था की जायेगी। बताते चलें कि राज्य में , पुरानी व्यवस्था के तहत आठ जिले में ही बालू का खनन हो रहा है। कुल 6 जिलों के बंदोबस्तधारियों ने खनन से मना कर दिया है। इन छह बालू घाटों के बंदोबस्तधारियों को बदलने की प्रक्रिया भी चल रही है। फिलहाल, राज्य के 19 जिलों में 195 लाइसेंसधारी बिक्रेताओं के माध्यम से बालू की बिक्री हाे रही है।

खनन विभाग के मंत्रियों ने बताया: जानकारी देते हुए खनन एवं भू-तत्व विभाग के मंत्री राम जनक ने बताया कि राज्य में सिया के पुनर्गठन के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री अश्विनी चौबे से नयी दिल्ली में मिल कर मांग रखी है। मंत्री ने बहुत जल्द कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि एक अक्तूबर से बालू खनन शुरू होते ही नदी घाटों की निगरानी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल सहित सख्ती बढ़ाने पर विचार हो रहा है। अवैध खनन, ढुलायी और बिक्री करने वालों के खिलाफ सरकार सख्त है।पिछले दिनों अधिकारियों और माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई भी हुई है।