डेस्क : बिहार पंचायती राज विभाग ने एक सख्त नियम बनाया है। दरअसल, पंचायत स्तर पर मुखिया की लंबे समय से पंचायत में अनुपस्थिति पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया गया है। इसके तहत अगर कोई मुखिया अपनी पंचायत से 30 दिन से ज्यादा अनुपस्थित रहता है तो उस पर गाज गिर सकती है। पंचायती राज विभाग के निर्देशानुसार एक माह तक प्रमुख की अनुपस्थिति में उप प्रमुख उनका कार्यभार संभालेंगे।
आदेश में क्या है
विभाग के द्वारा जारी आदेश के मुताबिक कार्यपालक पदाधिकारी इसकी सूचना जिला पंचायती राज पदाधिकारी को देंगे। इसके बाद जिला पंचायती राज पदाधिकारी उपमुखिया के वित्तीय लेनदेन के लिए एक डोंगल बनाएंगे। अगर कोई आरोपी मुखिया फरार है और जमानत मिलने के 30 दिन के अंदर लौट आता है तो उसे फरार नहीं माना जायेगा। उपमुखिया अपनी जिम्मेवारियों का निर्वहन तभी तक करेंगे, जब तक मुखिया दोबारा काम शुरू नहीं कर देते। मुखिया के काम शुरू करते ही उपमुखिया के अधिकार स्वत: समाप्त हो जायेंगे।
60 दिन से 30 दिन हुई अवधि
आपको बता दें कि पहले के नियमों में यह अवधि 60 दिन थी। लेकिन अब इसे घटाकर 30 दिन कर दिया गया है। पंचायती राज विभाग के इस आदेश के बाद मुखियाओं की परेशानी बढ़ने वाली है। आपको बता दें कि मुखिया लंबे समय से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लेकिन अब तक उनकी मांगों पर विचार करने के बजाय उनके अधिकारों में कटौती की गयी है।