बिहार के वर्तमान मुखिया के लिए बुरी खबर: अगर चुनाव सही समय पर नहीं हुआ तो छीन लिए जाएंगे सभी के अधिकार

डेस्क : बिहार में पंचायती चुनाव को लेकर पूरे प्रदेश में बिगुल बज चुका है। हालांकि, इस बार बिहार निर्वाचन आयोग भी 2021 पंचायत चुनाव को लेकर काफी सख्ती नजर आ रही है। हर बीते दिन आयोग द्वारा चुनाव को लेकर नियम बदले जा रहे हैं।‌ खैर, अभी तक चुनाव तारीख का ऐलान नहीं हो पाया है। इस बार पंचायती चुनाव को लेकर राज्य सरकार में कई बड़े संकट खड़े हो सकते हैं। अगर ग्राम पंचायत का चुनाव समय पर नहीं हुआ तो सूबे के सभी पंचायतें के अवक्रमित हों जाऐगी। इसके तुरंत बाद पंचायत सारा जिम्मा वारि‌ये अफसरों को दे दिए जाएंगे। जब तक पंचायत चुनाव का नवनिर्वाचित प्रतिनिधियों शपथ ग्रहण नहीं हो जाता तब-तक सारा जिम्मा वारिये अफसर ही संभालेंगे।

15 जून से छीन जाएंगे सभी जनप्रतिनिधि के अधिकार अगर 15 जून से पहले निर्वाचन नहीं होता है। तो सभी मुखिया, प्रमुख, वार्ड आदि जनप्रतिनिधि के अधिकार छिन लिए जाएंगे। और उन लोगों के सारे जिम्मेदारियां अफसरों को दे दी जाएगी। इस नियम के लिए सुबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पंचायती राज अधिनियम 2006 अध्यादेश के माध्यम से संशोधन की तैयारी मे जुट गई है। अगर चुनाव समय पर नहीं होंगे तो त्रि-स्तरीय व्यवस्था के तहत होने वाले कार्य किनके माध्यम से संपन्न कराए जाएंगे, इसलिए अधिनियम में संशोधन किया जाना अनिवार्य होगा

जिलाधिकारियों के माध्यम से अधीनस्थ पदाधिकारियों को दिये जाएंगे कार्य इस बार के वार्ड, ग्राम पंचायत और समिति के तहत होने वाले सभी कार्य प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा करवाएं जाएंगे। वहीं जिला परिषद के माध्यम से होने वाले कार्य को उप विकास आयुक्त कराएंगे। और उन्हीं के पास सारे अधिकार होंगे। चूंकि, अभी विधानमंडल का सत्र नहीं चल रहा है। इसलिए अध्यादेश के माध्यम से अधिनियम में संशोधन किया जाएगा।