मधेपुरा रवाना होने से पहले भावुक हुए पप्पू यादव कहा, मैं जा रहा हूं, पर कोई मदद मांगने आए, तो लौटाना मत

डेस्क : आज पटना पुलिस द्वारा जन अधिकार के सुप्रीमो पप्पू यादव को उनकी निजी आवास पर से गिरफ्तार कर लिया गया। पटना पुलिस ने इस ‌यह बात को साफ कर दिया कि लाॅक डाउन का उल्लंघन नहीं बल्कि 32 साल पुराने मामले को लेकर गिरफ्तारी हुई है। इसको लेकर मधेपुरा के पुलिस टीम पटना पहुंचकर पप्पू यादव की गिरफ्तारी के बाद उनको मधेपुरा ले गयी।

क्या नीतीश जी हम को जेल में ले जाकर मारने की फिराक में हैं ? पप्पू यादव एक निजी चैनल के माध्यम से इंटरव्यू में भावुक होते हुए उन्होंने बताया दिल्ली से ऑपरेशन कराने के बाद मैंने परिवार की बात नहीं मानी और मुझे डॉक्टरों ने भी आराम करने को कहा। लेकिन, देश में मर रहे गरीब मजदूरों को देख मुझे से रहा नहीं गया। और निकल गया जनता की सेवा के लिए। मैं पिछले 2 महीने से बिहार में हर मरीज के लिए बेटे की तरह जिया। श्मशान घाट, अलग-अलग अस्पतालों में जाकर लोगों का हाल-चाल जान रहा हूं। और लोगों को मदद कर रहा हूं।

साथ ही सरकार की छुपी हर नाकामियों का भी उजागर कर रहा हूं। ताकि सोई हुई सरकार जागे। क्या जनता का सेवा करना कोई अपराध है क्या? और मैंने ऐसी कौन सी गलती कर दी। जो नीतीश कुमार मुझे गिरफ्तार करवा दिए। मैंने अपनी जिंदगी दांव पर लगा दी थी। मैं हमेशा से यही सोचा था मुझे कुछ हो जाए कोई फर्क नहीं पड़ता। लेकिन, किसी आदमी को मरने नहीं दूंगा। जबकि सुप्रीम कोर्ट का भी फरमान है। अगर कोई भी आदमी सेवा कर रहा हो तो उसे कोई गिरफ्तार नहीं कर सकता। लेकिन, मुझे जबरन गिरफ्तार कर 8 घंटे तक थाने मे जबरन बैठाया रखा।

इस महामारी में मेरे फैमिली के पत्नी, बच्चे सभी सेवा में खड़े हैं। साथ ही हमारे सभी कार्यकर्ता !छात्र नेता भी अपनी जान दांव पर लगाकर इस मुसीबत में खड़े हैं। चाहे, हमारा घर, सब कुछ बिक जाए लेकिन फिर भी सेवा से पीछे नहीं हटेंगे। हमको तो ऐसा लग रहा है नीतीश जी जेल में ले जाकर हम को मारने की फिराक में है। और लोगों को मदद कर रहा हूं। अगर ऐसे समय में बिहार खड़ा नहीं हो पाया तो समझ लीजिए बिहार का कुछ नहीं होने वाला है।