बिहार सहित कई राज्‍य से जोड़ने वाली भागलपुर में करोड़ों की लागत से तैयार होगा शानदार फोरलेन, जानिए- विस्तार से..

न्यूज़ डेस्क: भागलपुर व हंसडीहा-भालजोर मार्ग फोरलेन बनने जा रहा है। एनएच विभाग ने 63 किमी फोरलेन सड़क (एनएच-133ई) का आवंटन तैयार कर भूतल सड़क एवं परिवहन मंत्रालय को भेजा है। इसके लिए विभाग से एस्टीमेट की मांग की है। मालूम हो कि भागलपुर-भलजोर मार्ग को एनएच (NH) का दर्जा प्राप्त होने के उपरांत इस मार्ग को फोरलन बनाने की बात हुई थी, लेकिन भूमि अधिग्रहण की लंबी प्रक्रिया के चलते एनएच विभाग, भागलपुर मंडल ने टू लेन की डीपीआर तैयार कर भेज दी थी।

मंत्रालय की ओर से नए सड़क के निर्माण हेतु 693 करोड़ रुपये की स्वीकृति भी मिल गयी थी, परंतु वाहनों के दबाव के साथ-साथ योजनाओं के तहत इस मार्ग को टू-लेन की जगह फोर-लेन बनाने का फैसला लेते हुए दो महीने पहले ही मंत्रालय से इसकी मंजूरी भी मिल गई थी। लेकिन, स्वीकृति मिलने से पूर्व ही टू लेन सड़क के आवंटन के अनुसार भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी।

बता दे की भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया दोनों तरफ से की जा रही थी, लेकिन फोर लेन की मंजूरी मिलने के बाद एक तरफ ही जमीन अधिग्रहण करने का फैसला लिया। डीपीआर में जमीन व बालू के बीच टूटे पुल को तोड़कर उसे सीधा व फोर लेन बनाने सहित कार्य योजनाओं में शामिल होने से डीपीआर में भी फेरबदल किया जाएगा, जिसमें मुख्य चौराहों-चौराहों, व्यस्ततम बाजारों के पास फ्लाईओवर, गोल चक्कर बनाना आदि शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक, यह चार लेन की सड़क निर्माण के लिए 100 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण करने की कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल सड़क की चौड़ाई सात मीटर है। 22 मीटर चौड़ी सड़क बनाने की तैयारी है। जिसमें तीन मीटर का डिवाइडर, दो मीटर का सोल्डर का निर्माण करना है। ढाकामोद के नजदीक रेल ओवर ब्रिज का निर्माण किया जाना है। श्याम बाजार के पास पुराने पुल को तोड़कर नया पुल बनाया जाएगा। मुख्य चौराहों-चौराहों पर गोलंबर बनाए जाएंगे। भागलपुर और भलजोर के बीच 45 पुलिया और पुलिया बनाई जानी है।

इस सड़क निर्माण की राशि 693 करोड़ से बढ़कर 1600-1700 करोड़ हो जाएगी। सड़क निर्माण निगम को चार किलोमीटर लोहिया पुल से 63 किलोमीटर में स्थायी बाईपास फ्लाईओवर अलीगंज तक सड़क निर्माण का काम करना है। सड़क का निर्माण ईपीसी यानी इंजीनियरिंग प्रोक्यूरेंट कंस्ट्रक्शन मोड में किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करने वाले परामर्शदाता, चेतन्य सलाहकार के साथ परामर्श कर रहा है। आवंटन को जल्द ही मंत्रालय की मंजूरी मिलने की उम्मीद है।