यूपी-बिहार के इन 10 जिलों से होकर गुजरेगा गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्‍सप्रेस-वे, जानिए- पूरा रूट..

डेस्क: अब वह दिन दूर नहीं जब बिहार के हर क्षेत्रों में आम आदमी 100 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार से गाड़ी चला सकेगे। क्योंकि, विगत कुछ ही वर्षों में बिहार के अलग-अलग क्षेत्रों में नए-नए सड़कों का निर्माण किया जा रहा है। पहले बिहार वासी फोर लाइन पर सफर करते थे, अब एक्सप्रेस- वे का आनंद ले सकेंगे, कुछ ही महीनों में बिहार में चार एक्सप्रेसवे बनने की मंजूरी मिल गई है, जो कि बिहार के लिए सौगात की बात है।

बिहार के इन 10 जिलों से होकर गुजरेगा: बताते चलें कि गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच बनने वाले एक्सप्रेस-वे का रूट बिहार के 10 जिलों में निर्धारित किया गया है, जो गोपालगंज में प्रवेश करेगा, इसके बाद सीवान, छपरा, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, सहरसा, पूर्णिया, किशनगंज होते हुए सिलीगुड़ी जाएगा, यह एक्सप्रेसवे बन जाने से न सिर्फ बिहार को यूपी और बंगाल के बीच न केवल आवागमन आसान करेगा बल्कि व्यापार के नए रास्ते भी इससे खुलेंगे, इस एक्सप्रेसवे का पूरा हिस्सा ग्रीनफील्ड होगा, केंद्र सरकार ने इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण की सैद्धांतिक सहमति दे दी है, इसके बाद पथ निर्माण विभाग में इस सड़क को साकार करने की कवायद शुरू कर दी गई है।

100 किलोमीटर प्रति घंटा से गाड़ी चलेगी: बता तो चलें की यह एक्सप्रेस वे पर पूरे 100 किलोमीटर प्रति घंटा से गाड़ी फराटे से भरेगी। यह तभी संभव है जब सड़क सीधी और सरपट हो, इसे देखते हुए इस सड़क का एलाइनमेंट इस तरह तय किया जाएगा कि यह एक्सप्रेसवे गोरखपुर से सीधे सिलीगुड़ी तक जाए, आबादी से हटकर इस सड़क का निर्माण होगा ताकि जमीन अधिग्रहण में अधिक समस्या नहीं हो।

अब 600 किलोमीटर यात्रा कम होगी: जानकारी के लिए यह भी आपको बता दें की गोरखपुर से सिलीगुड़ी के बीच अभी तक कोई सीधी सड़क नहीं है, इस कारण गोरखपुर से सिलीगुड़ी की दूरी तय करने में 12 से 14 घंटे तक लग जा रहा है, गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे बन जाने से दोनों शहरों के बीच की दूरी घटकर जहां 600 किलोमीटर से भी कम हो जाएगी वहीं, गोरखपुर से सिलीगुड़ी जाने में महज सात से 8 घंटे लगेगी, छह-आठ लेन की बनने वाले एक्सप्रेसवे में से 416 किलोमीटर बिहार से होकर गुजरेगा,

पथ निर्माण मंत्री ने बताया: बिहार के पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन के अनुसार, गोरखपुर से सिलीगुड़ी एक्सप्रेस-वे के निर्माण से सबसे अधिक बिहार को लाभ होगा और यह सड़क प्रदेश के लिए वरदान साबित होगा, इससे जहां लोगों की यात्रा सुगम होगी वहीं विकास के नए रास्ते खुलेंगे।

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