जाने कैसे 10 जुलाई से पटना एम्स में 100 लोगों पर होगा कोवैक्सीन का ट्रायल

डेस्क : 10 जुलाई से पटना एम्स में कोवैक्सिंग का ट्रायल होगा। कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए ICMR ने देश के कई संस्थानों पर दवाओं के परीक्षण के अनुमति दे दी गई है। इसी क्रम में पटना एम्स में भी कोवैक्सीन का ट्रायल शुरू होने वाला है। जानवरों के परीक्षण के बाद ही इंसानों पर इसका ट्रायल किया जाएगा।

ICMR की अनुमति मिलने के बाद पटना एम्स में इसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. एम्स के अधीक्षक डॉ सीएम सिंह ने कहा कि 10 जुलाई से को वैक्सिंग का ट्रायल भी शुरू हो जाएगा और इसके लिए पांच सदस्यीय एक्सपर्ट डॉक्टरों की टीम भी बनाई गई है। ट्रायल के लिए रजिस्ट्रेशन शुरू हो गया है शुरुआत में 100 लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा। अधीक्षक ने कहा कि ट्रायल की समय सीमा 6 माह होगी तब जाकर फाइनल रिपोर्ट आईसीएमआर को भेजी जाएगी। आईसीएमआर के निर्देशक ने निर्देश दिया था कि देश के सभी 12 अस्पतालों को ट्रायल के लिए 7 जुलाई तक मरीजों का चुनाव कर लेना है।

6 अस्पताल को ट्रायल की मिली मंजूरी अब तक एथिक्स कमेटी की ओर से 6 अस्पतालों में ट्रायल की मंजूरी भी मिल गई है हालांकि कुछ अस्पतालों में आईसीएमआर की ओर से दी गई ट्रायल की टाइमलाइन पर आपत्ति भी जताई गई है और समय सीमा फिक्स नहीं करने की अपील भी की है। इन छह अस्पतालों को ट्रायल के लिए अप्रूवल मिला है उनमें से नागपुर का गिलुरकल मेडिकल हॉस्पिटल, बेलगाम का जीवन रेखा हॉस्पिटल, कानपुर का प्रखर हॉस्पिटल और गोरखपुर का हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर है। आपको बता दें कि भारत बायोटेक कंपनी ने अपने कोवैक्सिंग की पहल की है और दावा भी किया है कि ज्यादा जल्द ही सफलता मिलेगी क्योंकि भारत ने भी पहले बायोटेक कंपनी से अन्य बीमारियों का वैक्सीन बनाया है और उसे दूसरे देशों में सप्लाई भी किया जाता रहा है।