बेगूसराय,मुंगेर समेत बिहार के इन 20 जिलों में 1950 के बाद पहली बार जमीन सर्वे का काम शुरू

डेस्क : बिहार में 1950 के बाद खतियान सर्वे का काम पहली बार शुरू होने जा रहा है। यह काम लगभग बिहार के 20 जिलों में होगा। वैसे जमीन के सर्वे का काम शुरू हो चुका है। सर्वे के बाद जीवित रैयत यानी जमीन के वर्तमान मालिक के नाम पर ही नया खतियान बनेगा। नया खतियान सर्वे कार्य के साथ बनेगा। इस सर्वे के पूरा होने से भूमि विवाद में काफी कमी आएगी। जमीन के मालिकों की परेशानी भी कम होगी। सर्वे कार्य के लिए सर्वे निदेशालय के अफसरों की छह टीमें मुख्यालय से रवाना हो गई हैं।

सभी जिलों में अमीन, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारियों, कानूनगो, लिपिकों की पदस्थापना का काम भी पूरा हो गया है। संबंधित जिलों के चिन्हित अंचलों में ही सर्वे का काम शुरू किया गया है। बिहार के 20 जिले जहां जमीन सर्वे का कार्य शुरू हो रहा है वो है – नालंदा, जहानाबाद, मुंगेर, लखीसराय, सुपौल, अररिया, अरवल, कटिहार, किशनगंज, खगड़िया, जमुई, शिवहर, सहरसा, सीतामढ़ी, चंपारण, पूर्णिया, बांका, शेखपुरा, बेगूसराय और मधेपुरा। जानकारी के अनुसार सर्वे का काम शिवहर के तीन अंचलों- डुमरी, कटसरी, पिपराही, पूरनहिया में शुरू हो चुका है। यहां भूमि सर्वेक्षण के साथ कार्य को शुरू किया गया है।

इसके लिए जिला बंदोबस्त कार्यालय और संबंधित प्रखंडों में शिविर भी बनाए गए हैं। बिहार विशेष सर्वेक्षण बंदोबस्त नियमावली 2012 के तहत सर्वे का काम हो रहा है। सर्वे में हर प्रकार के भूमि की पड़ताल की जायेगी। चाहे वो गांव की सीमा के सर्वे का कार्य हो , या भूखंडों के सीमांकन का। इसके साथ ही जमीन संबंधी तथ्यों की जांच पड़ताल भी की जाएगी। सर्वे के मॉनिटरिंग के लिए राज्य स्तर से नोडल अफसर नियुक्त किए गए हैं। वे शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं।