बिहार में बाढ़ का कहर और पप्पू यादव बने हीरो

बिहार में बाढ़ का कहर टूट पड़ा है। लोग बेहाल और परेशान हैं। सरकार के मुखिया नीतीश कुमार जिन्हें सुशासन बाबू कहा जाता है। इसे नियति का खेल बता रहे हैं। वो कह रहे हैं है कि इस नक्षत्र में कभी इतनी अधिक बारिश नहीं होती थी, इस बार यह बारिश अप्रत्याशित रूप से हुई है। जिसके लिए हम तैयार नहीं थे। बता रहे हैं कि सरकार हर संभव मदद की कोशिश कर रही है। लेकिन मीडियाकर्मियों पर अपनी खीझ भी निकाल रहे हैं। उनका कहना है कि यह सब कुछ एजेंडे के तहत किया जा रहा है।

नीतीश कुमार पिछले 14 साल से राज्य के मुख्यमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हैं और उन्हें राज्य में विकासपुरुष की संज्ञा से नवाजा जाता है। कहा जाता है कि नीतीश कुमार के आने से बिहार का बहुत अधिक विकास हुआ है। लेकिन राज्य की राजधानी पटना डूब जाती है और राज्य के उपमुख्यमंत्री को रेस्क्यू करके निकाला जाता है। पहले तो वो अपने घर से किसी तरह से बाहर आते हैं, लेकिन जब वो पटना की सड़कों पर बाढ़ का जायजा लेने के लिए निकलते हैं तो अपने कपड़े का ज्यादा खयाल रखते हुए दिखाई देते हैं।

राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी के नेता तेजस्वी यादव इस बार ज्यादा सक्रिय नहीं दिखाई दिए, क्योंकि पिछली बार जब वो इस तरह से बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने की कोशिश किए थे, तो मीडिया ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया और फूटेज नहीं मिला था। इसलिए नाराज होकर इस बार राज्य की जनता को अपने हाल पर ही छोड़ना बेहतर समझ लिए।

वहीं, राजद के निष्कासित नेता और पूर्व सांसद पप्पू यादव बाढ़ पीड़ितों को मदद पहुंचाने का दूसरा नाम साबित हो रहे हैं। पप्पू यादव बिना थके और लगातार डूब रहे पटना को बचाने की हर संभव मदद कर रहे हैं। उनकी रसोई जो अस्थाई रूप से बनाई गई है, बिना रुके हुए लगातार खाना बनाया जा रहा है और पप्पू यादव बिना किसी भेदभाव के ट्रैक्टर और जेसीबी से पीड़ितों की मदद कर रहे हैं। उन्हें खाना दे रहे हैं, पीने का पानी दे रहे हैं।

कोई भी व्यक्ति जिस तरह की मदद की मांग कर रहा है उसको उस तरह की मदद पहुंचा रहे हैं। दूसरे दलों के नेताओं का कहना है कि पप्पू यादव राजनीति कर रहे हैं। लेकिन पप्पू यादव बिना किसी सरकारी मदद औऱ परवाह के लगातार बाढ़ पीड़ितों की मदद में जुटे हुए हैं।

पप्पू यादव को हर किसी की चिंता है। बहनों-बेटियों के लिए जरूरी सैनिटरी पैड्स की मांग आई तो पप्पू यादव ने बिना किसी भेदभाव के महिलाओं की इस गुहार के लिए भी उनकी मदद कर रहे हैं।

लेकिन पप्पू यादव सरकार पर लगातार निशाना भी साध रहे हैं। वो राज्य के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री से सवाल भी कर रहे हैं। उनमें गुस्सा भी है लेकिन लगातार लोगों की मदद करने में जुटे हुए हैं। वो कह रहे हैं कि जिस तरह से एक मां अपने बेटे के लिए जान भी दे देती है। उसी तरह से पटना के लोगों के लिए अगर उनकी जान भी चली जाए, तो उन्हें कोई गम नहीं होगा।

इसके अलावा केंद्र सरकार में कई मंत्री भी बिहार से लेकिन उनकी तरफ से राज्य की जनता के लिए किसी तरह की कोई मदद नहीं की जा रही है।