Lock Down 4.0 में पांच जोन में बंटा देश, जानिए क्या है बफर और कंटेनमेंट जोन

डेस्क : सरकार ने लॉकडाउन को 14 और दिनों के लिए बढ़ा दिया है। लॉकडाउन का यह चौथा चरण सोमवार 18 मई से शुरू होगा और 31 मई को खत्म होगा। जैसा कि राष्‍ट्र के नाम अपने संबोधन में पीएम मोदी ने संकेत दिया था… केंद्रीय गृहमंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक, लॉकडाउन-4 पिछले सभी चरणों से बिल्‍कुल अलग होने जा रहा है। सबसे खास बात यह है कि इस लॉकडाउन में इलाकों को कुल पांच जोनों में बांटा जाएगा।

अभी तक कोरोना वायरस को लेकर देश में सिर्फ तीन जोन बनाए गए थे, जिनमें रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन शामिल हैं. बफर जोन को लेकर नियम अभी साफ होना बाकी है, लेकिन कंटेनमेंट जोन को लेकर गृह मंत्रालय की गाइडलाइन बिल्कुल साफ है. कंटेनमेंट जोन में केवल अनिवार्य सेवाएं मिलेंगी. कंटेनमेंट जोन में आने-जाने पर सख्त पाबंदी होगी.कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और घर-घर जाकर स्वास्थ्य जांच होगी.

रेड जोन- वे इलाके जहां कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा केस सामने आए हैं या आ रहे हैं, उनके सरकार ने रेड जोन में रखा है। यहां सख्त पाबंदियां लागू हैं और आगे भी रहेंगी। लोगों को घरों में ही रहने होगा, सिर्फ जरूरी काम होने पर ही बाहर निकल सकते हैं। 10 साल से छोटे और 65 साल से अधिक उम्र के लोगों को घरों से बाहर निकला बंद रहेगा।

ऑरेंज जोन- ऑरेंज जोन में वे इलाके हैं जहां कोरोना के केस तो सामने आ रहे हैं, लेकिन लगातार सुधार भी हैं। स्थानीय प्रशासन ने यहां कई तरह की छूट दी है। इन इलाकों में प्रशासन द्वारा लॉकडाउन, सील या फिर अन्य एहतियाती कदम उठाए गए हैं।

बफर जोन- बफर जोन वे जिले हैं जो रेड जोन वाले जिले से सटे हैं। सरकार को आशंका है कि इन जिलों पर ढिलाई बरतने पर पड़ोस के जिले के रेड जोन का असर यहां भी हो सकता है। इसलिए ऐसे जिलों को अलग जोन में बांटकर नजर रखी जा रही है, ताकि यहां नए केस आने से बचाया जा सके।

कंटेनमेंट जोन- यह ऐसे इलाके हैं जहां कोरोना संक्रमण केस में लगातार उतार-चढ़ाव आ रहा है। यानी कभी नए केस कम आ रहे हैं तो कभी बहुत ज्यादा केस आ रहे हैं।

ग्रीन जोन- ग्रीन जोन वे इलाके हैं जो कोरोना संक्रमण से मुक्त हैं। यहां के लोगों की जिंदगी बाकी जोन की तुलना में बहुत आसाना है। लगभग सभी तरह की सुविधाएं चालू हैं। हालांकि लोगों को बाहर निकलने पर मास्क लगाना और फिजिकल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी है।

रेड जोन, ग्रीन जोन और ऑरेंज जोन का फैसला राज्य सरकार करेगी, जबकि कंटेनमेंट जोन और बफर जोन का फैसला जिला प्रशासन करेगा. कंटेंनमेंट और बफर जोन में गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए दिशा निर्देश का पालन करना होगा. वहीं, ग्रीन जोन में वो जिले आएंगे, जहां कोरोना वायरस के एक भी मामले नहीं होंगे. जबकि रेड जोन में वो इलाके आएंगे, जहां कोरोना वायरस के मामले लगातार दो गुना तेजी से बढ़ रहे हैं.