चिराग पासवान ने कहा- भले ही चाचा ने मुझे धोखा दिया, मैं शेर का बेटा हूं, पहले भी लड़ा था और आगे भी लड़ाई जारी रहेगी

न्यूज़ डेस्क : लोजपा चल रहे विवाद के बीच चिराग पासवान ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। इस दौरान उन्होंने अपने चाचा पशुपति पारस पर निशाना साधते हुए कहा कि अभी भी वह पार्टी के अध्यक्ष हैं। पार्टी का संविधान मुझे इसकी इजाजत देता है। आगे उन्होंने कहा जो लोग मुझे हटाने का दावा कर रहे हैं। उन्हें पार्टी के संविधान की कोई भी जानकारी नहीं हैं। चाचा के धोखे के बाद मै अनाथ हो गया हूं।

पार्टी को हमेशा परिवार माना… उन्होंने कहा जब मेरे पिता राम विलास पासवान जिंदा थे तब भी चाचा पारस पार्टी को तोड़ने की कोशिशें करते रहते थे। हमने अपनी नीतियों से समझौता नहीं किया और बिहार में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया। यह फैसला मेरा नहीं बल्कि पार्टी का था। हमने हमेशा परिवार और पार्टी को एक साथ रखना चाहा। LJP भले ही एक भी सीट बिहार में न जीत पाई हो, लेकिन हमने बड़ी संख्या में वोट और लोगों का समर्थन हासिल किया। हमें 24 लाख वोट मिले।

नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता के लिए लड़ते है: आगे उन्होंने कहा बिहार विधानसभा 2020 में हमने मुश्किल रास्ता चुना। जबकि, पार्टी में कुछ लोग आसान रास्ता चाहते थे। चाचा जी चाहते थे कि हम JDU के साथ मिलकर चुनाव लड़ें। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर जेडीयू, बीजेपी और एलजेपी साथ में चुनाव लड़ती तो हम कई सीटों पर जीत हासिल करते। लेकिन मैं बिहार फर्स्ट और बिहारी फर्स्ट के विजन पर था। मैं जानता हूं कि बिहार के सीएम नीतीश कुमार सिर्फ सत्ता के लिए लगे रहते हैं। वह बिहार के लिए काम नहीं करते है। उन्होंने कहा सात निश्चय कभी भी बिहार को आगे नहीं बढ़ा सकता। मेरा उनकी नीतियों पर भरोसा नहीं था, इसलिए मैंने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया।

आगे उन्होंने कहा चाचा ने चुनाव के दौरान किसी भी तरह की मदद नहीं की। जब मुझे सबसे ज्यादा जरूरत थी तब वह पार्टी को तोड़ने में लगे रहे। इस बार होली में परिवार का कोई भी सदस्य हमारे साथ नहीं था। इसका दर्द मैंने अपनी चिट्ठी में लिखा है।