बिहार के जमालपुर रेल कारखाना में होगा इलेक्ट्रिक इंजनों की मरम्मत , तेज हुई कवायद स्थानीय लोगों को मिलेगा रोजगार

न्यूज डेस्क : एशिया का पहला जमालपुर रेल इंजन कारखाना दिनों दिन विलुप्त होने के कगार पर है। बताते चलें कि एशिया प्रसिद्ध जमालपुर रेल इंजन कारखाना के डीजल शॉप हर महीने सात इंजन और साल में 84 इंजन का पीएच मरम्मत कार्य करता था। जमालपुर रेल कारखाना के ख़ुशीहाली के दिन एक बार फिर लौटने वाले है।

कारखाना स्थित डीजल शेड को अब इलेक्ट्रिक शेड में बदलने की सहमति रेल मंत्रालय से मिल गई है। जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही यह प्रक्रिया शुरू हो सकती है। जानकारी के मुताबिक, डीजल शेड तक ओवर हेड वायर (ओएचई) लगाने का काम इसी माह यानी अगस्त से शुरू हो जाएगा। तार लगाने के बाद डीजल कारखाना पूरी तरह से विद्युतीकृत हो जाएगा। इससे इलेक्ट्रिक इंजन और मेमू ट्रेन (मेन लाइन मल्टीपल यूनिट) का रखरखाव शुरू हो जाएगा। मालदा मंडल के रेल मंडल प्रबंधक यतेंद्र कुमार ने बताया कि इलेक्ट्रिक शेड के लिए ओवर हेड इलेक्ट्रिक वायर लगाने का काम शुरू करने का निर्देश दिया गया है।अगर, सबकुछ ठीक रहा तो नंवबर से दिसंबर के बीच इलेक्ट्रिक शेड में इंजनों के मेंटनेंस का काम शुरू होने की उम्मीद है।

इलेक्ट्रॉनिक शेड बनने से सभी जोन एक साथ जुड़ जाएंगे: आपको बता दें कि अगर जमालपुर स्थित रेलवे डीजल शेड को विद्युतीकरण कर दिया जाता है तो पूर्व रेलवे के अलावा दूसरे रेल जोन से भी इलेक्ट्रिक इंजन, मेमू ट्रेन के रैक को मरम्मत और रख-रखाव के लिए लाए जाएंगे। फिलहाल, देश में अभी 90 फीसद ट्रेनों और मालगाडिय़ों का परिचालन इलेक्ट्रिक इंजन से कराया जा रहा है। जमालपुर में इलेक्ट्रिक शेड होने से बिहार से दूसरे राज्यों में रेल इंजनों को दुरुस्त करने के लिए नहीं भेजना होगा। फिलहाल, सभी इलेक्ट्रिक इंजन का रखरखाव पश्चिम बंगाल के लिलुआ और दूसरे जगहों पर होता है।

तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने दी थी मंजूरी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मई में तत्कालीन रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सांसद को पत्र लिख कर जमालपुर डीजल शेड को इलेक्ट्रिक लोको के रखरखाव का कार्यभार देने की सहमति दी थी। रेल मंत्रालय की सहमति मिलने के बाद पूर्व रेलवे और मालदा रेल मंडल ने इलेक्ट्रिक शेड के लिए कवायद तेज कर दी है।