श्रीकृष्ण सेतु के सड़क पुल का निर्माण कार्य अधूरा होने की वजह से अटल जयंती पर नहीं हुआ लोकार्पण, जानें राजनीतिक पहलू

न्यूज डेस्क : मुंगेर और बेगूसराय जिले के बीच बनने वाले श्रीकृष्ण सेतु के सड़क पुल का निर्माण कार्य पूरा नहीं होने की वजह से अटल जयंती पर 25दिसम्बर 2021 को इसका उद्घाटन नहीं होगा। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस दिन उसका उद्घाटन करने वाले थे। उद्घाटन के पूर्व ही यह कार्यक्रम विवादों में आ गया था। दरअसल पुल के उद्घाटन को लेकर जो निमंत्रण कार्ड छापा गया , उसमें केन्द्रीय मंत्री और बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह का नाम नहीं था।

भारत सरकार के सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा छपवाए कार्ड में उस विभाग के केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार , उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद,रेणु देवी,मुंगेर के सांसद राजीव रंजन सिंह, खगड़िया के सांसद महबूब अली कैंसर , मुंगेर के विधायकगण तथा विधानपार्षदों के नाम छपे थे। सबसे बड़ी बात इस पुल को दिल्ली से पहले तो केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने 24दिसंबर 21 को वर्चुअली उद्घाटन भी कर दिया। लेकिन, बाद में सोशल मीडिया पर इस पुल के उद्घाटन को अपरिहार्य कारणों से स्थगित बताया। इसमें पुल के दूसरे किनारे के जिला बेगूसराय क्षेत्र के एक भी सांसद या विधायक का नाम नहीं था।

जबकि, बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह केन्द्र में मंत्री भी हैं और प्रभावशाली माने जाते हैं। वे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार में हनुमान भी माने जाते हैं। उनका नाम उद्घाटन समारोह के कार्ड में नहीं रहने के बाद इस बात की उच्चस्तरीय चर्चा शुरू हो गई। इसके बाद आनन-फानन में विभाग हरकत में आया। विभाग के केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी का एक व्यक्तिगत निमंत्रण पत्र गिरिराज सिंह को संबोधित सोशल मीडिया पर चलने लगा। उदघाटन समारोह में गिरिराज सिंह जाएंगे या नहीं चर्चा की बात हो गई।

हालांकि केन्द्रीय मंत्री नितीन गडकरी के पत्र को इसका डैमेज कंट्रोल माना गया। नीतीश कुमार के कार्यक्रम में गिरिराज सिंह को नहीं बुलाने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले बेगूसराय जिले में ही बरौनी थर्मल के एक इकाई के उद्घाटन में भी उन्हें आमंत्रित किया गया था । जब वे कार्यक्रम की पूर्व संध्या एनटीपीसी में भर्मण में पहुंचे तो पीएम की तस्वीर किसी भी बैनर पर न होने के कारण उन्होने अगले दिन कार्यक्रम में भाग नहीं लिए जबकि वे स्थानीय सांसद थे। नीतीश कुमार ने इसका उद्घाटन किया था और स्थानीय सांसद कार्यक्रम से नदारद रहे थे।

इस पुल के दूसरे छोर पर बेगूसराय जिले के रहने से इस क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों को उम्मीद था कि उनको इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया जाएगा। अटल जी के जन्मदिवस पर इस सड़क पुल को राष्ट्र को समर्पित करना था। लेकिन,समय पर कार्य पूरा नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री ने संभवतः मनाही कर दी और समय पर इसका उद्घाटन नहीं हो सका। वर्ष 2002 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई ने इस श्रीकृष्ण सेतु की नींव रखी थी।

कांग्रेस के कार्यकाल वर्ष 2005 से 2014 तक इस पुल के निर्माण की गति मंथर रही। वर्ष 2014 में केन्द्र में भाजपा की मोदी सरकार आने के बाद इसके काम में तेजी आई। इससे लागत भी बढ़ गयी। जहां इस पुल को बनने में 921 करोड़ की लागत की बात थी और काम 2006-7 तक पूरा करना था वह 2021 तक भी पूरा नहीं हुआ। लागत भी बढ़कर 2774 करोड़ रूपए हो गया। इस सेतु के रेल पुल का वर्ष 2016 में ही केन्द्रीय रेल मंत्री मनोज सिन्हा ने उद्घाटन किया था। तब से रेल लाइन चालू है।