न्यूज डेस्क: बिहार सरकार भले ही “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” के तहत नारा लगाकर लोगों को जागरूक रही है, लेकिन, वास्तविकता में इसका कोई भी असर आम लोगों पर नहीं दिख रहा है। इसी का ताजा मामला बिहार के पश्चिमी चंपारण जिला से आया है, जहां घर में बेटी पैदा होने से पति इतना नाराज हो गया, की पत्नी को अस्पताल लाने के लिए भी नहीं गया। जानकारी के मुताबिक, पश्चिम चंपारण जिले के बगहा में रहने वाली रीता देवी ने मंगलवार की शाम को एक बच्ची को जन्म दिया।
जैसे ही इस बबात की सूचना उसके पति प्रदीप साहनी को मिली वो आगबबूला हो उठे। उसने अपने पत्नी और नवजात बेटी दोनों को ही घर ले जाने से इनकार कर दिया। महिला मंगलवार की शाम से ही पति के इंतजार में अस्पताल में बैठी थी। मामले में मोड़ तब आया, जब मोहल्ले वासी उसके पति प्रदीप साहनी को समझाने के लिए गए, तो वो आत्महत्या करने के लिए पोखर (गांव का तालाब) में कूद गया।
पती को जब फोन किया गया था, तब उसने गुस्से में कहा था, कि ”बच्ची के साथ औरत घर पर नहीं आनी चाहिए। अगर आ गई तो मैं उसकी हत्या कर दूंगा”। वहीं, अस्पताल में महिला की सास को स्थानीय लोगों और स्वास्थ्यकर्मियों ने भी लाख समझाया। लेकिन वो नवजात और उसकी मां को घर ले जाने को तैयार नहीं हुई। पती तो पती , इस समाज में स्त्री भी एक स्त्री की दुश्मन बन जाती है। यह ड्रामा घंटों तक करने के बाद महिला की सास बुधवार की दोपहर उसे और उसकी बेटी को अपने साथ ले गई। पर बच्ची की मां अभी भी डरी हुई है ।