बिहार में कोरोना के बढ़ रहे मरीज और लुढ़क रहा ‘रिकवरी रेट’

पटना : बिहार में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले के बीच अब लोग को डरने लगे हैं। इस बीच राज्य में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती संख्या के कारण रिकवरी रेट (संक्रमणमुक्त होने की दर) में लगातार गिरावट दर्ज की जाने लगी है। बिहार राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर गौर करने पर पता चलता है कि राज्य में मार्च महीने के मध्य में रिकवरी रेट का प्रतिशत जहां 99.29 प्रतिशत के करीब था वहीं अब यह रेट लुढ़ककर 80 प्रतिशत के करीब पहुंच गया है। यानी एक महीने के भीतर रिकवरी रेट करीब 19 प्रतिशत तक नीचे गिरा है।

स्वास्थ्य विभाग के आंकडों के मुताबिक, राज्य में 15 मार्च को रिकवरी रेट 99.29 प्रतिशत दर्ज हुआ था, जबकि 20 मार्च को यह आंकडा 99.23 प्रतिशत पहुंचा । इस महीने की शुरूआत यानी पहली अप्रैल को राज्य में संक्रमणमुक्त होने की दर 98.69 प्रतिशत तक पहुंच गई थी।आंकडों के मुताबिक पांच अप्रैल को राज्य में 4,183 कोरोना के नए मरीज मिले थे जबकि इस दिन 349 लोग कोरोना को मात देकर संक्रमणमुक्त हुए थे। इस दिन रिकवरी रेट 97.87 प्रतिशत दर्ज हुआ था। इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या वृद्धि के साथ-साथ रिकवरी रेट गिरता चला जा रहा है।

15 अप्रैल को राज्य का रिकवरी रेट गिरकर 89.79 प्रतिशत दर्ज किया गया था। 20 अप्रैल को स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आंकडों पर गौर करें तो राज्य में इस दिन 10,455 कोरोना के नए मामले सामने आए थे जबकि 3,577 लोग स्वस्थ होकर अपने घर गए। इस दिन राज्य में रिकवरी रेट 82.99 प्रतिशत दर्ज किया गया। इसके एक दिन बाद यानी 21 अप्रैल को राज्य में 12,222 नए मामले सामने आए और 4,774 लोग संक्रमणमुक्त हुए, जबकि राज्य में रिकवरी रेट 81.47 प्रतिशत तक लुढ़क गया। इसी तरह 22 अप्रैल को राज्य का रिकवरी रेट 80.36 तक पहुंच गया ।

सरकार आंकड़ेबाजी में कोरोना को मात देने की खुशफहमी पालकर बैठी : ललन कुमार इधर, राज्य के मुख्य विपक्षी दल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस का कहना है कि रिकवरी रेट 99 प्रतिशत पहुंचने के बाद सरकार यह महसूस करने लगी थी कि सरकार कोरोना पर विजय हासिल कर चुकी है। युवा कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ललन कुमार कहते हैं कि कोरोना की दूसरी लहर ने सरकार के स्वास्थ्य विभाग की तैयारी की पोल खोलकर रख दी है। उन्होंने कहा कि आज अस्पतालों में बेड नहीं हैं और ऑक्सीजन के अभाव में लोगों की मौत हो रही है। उन्होंने कहा कि सरकार आंकड़ेबाजी में कोरोना को मात देने की खुशफहमी पालकर बैठी रही और आज हकीकत सबके सामने है। उन्होंने कहा कि विपक्ष लगातार सरकार को दूसरी लहर को लेकर सचेत करती रही थी, लेकिन सरकार सचेत नहीं हुई। इधर, राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी भी सरकार की तैयारी को लेकर निशना साधा है। उन्होंने कहा कि बाहर से बड़ी संख्या में लोग वापस लौट रहे हैं, लेकिन कहीं भी कोरोना की जांच नहीं के बराबर हो रही है।

इनपुट : IANS