डेस्क : बख्तियारपुर-ताजपुर फोरलेन पुल के निर्माण कार्य तेजी से किया जाएगा। गंगा नदी पर बन रहे यह पुल समस्तीपुर को पटना से जोड़ती है। इसका निर्माण कार्य पिछले दस बर्षो से चल तो रहा है लेकिन इतने दिन होने के बाद भी पुल का कार्य अधूरा है। इसके निर्माण कार्य समय पर पूरा ना होने का सबसे बड़ा कारण फण्ड का अभाव है। परंतु एक उमीद जगी है। दरअसल इस परियोजना में बैंक पैसा लगाने को तैयार हो गया है। वहीं बताया जा रहा है कि इसी माह बैंकों द्वारा सहमति दिए जाने की संभावना है। बैंक से राशि प्राप्त होते ही निर्माण कार्य फिर से शुरू हो जाएगा।
साल 2011 के जून महीने में ही शुरू किया गया निर्मम कार्य इसका निर्माण कार्य पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप (पीपीपी) मॉडल के तहत शुरू किया गया था, जिसे वर्ष 2016 में पूरा किया जाना था। लेकिन भूमि अधिग्रहण की समस्या और बाद में एजेंसी की खराब वित्तीय स्थिति के कारण परियोजना पर काम अभी तक पूरा नहीं हो पाया है। लेकिन जमीन अधिग्रहण की समस्या और और उसके बाद एजेंसी की खराब वित्तीय स्थिति के चलते अभी तक यह पुल तैयार नहीं हो सका है।
पटना से समस्तीपुर को जोड़ने के लिए गंगा नदी पर फोरलेन पुल मालूम हो कि पटना के बख्तियारपुर और समस्तीपुर के ताजपुर को जोड़ने हेतु गंगा नदी पर फोर लेन पुल के निर्माण में एजेंसी ने पैसे के कमी का हवाला दे कर कार्य रोक दिए थे। इसके उपरांत एजेंसी को बिहार राज्य पथ विकास निगम एवं बैंकों के द्वारा बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन शीर्ष स्तर के बैठक होने के बाद यह मालूम हुआ कि इस परियोजना पर 47 फीसदी कार्य समाप्त हो चुका है। 272 पिलर का बनाये जा चुके हैं। 1600 करोड़ के लागत से बनाये जा रहे इस परियोजना में 400 करोड़ से ज्यादा बैंकों ने एजेंसी को जारी किए हैं। अत: यह परियोजना किसी अन्य एजेंसी से पूर्ण होने की स्थिति में कार्य में विलम्ब होने की सम्भावना है तथा अतिरिक्त व्यय भी हो सकता है।
टोल प्लाजा से होने वाली आय से बैंक करेगा कर्ज की सूली कुछ दिन पहले विकास आयुक्त की अध्यक्षता में एक बैठक हुई थी, जिसमें यह निर्णय लिया गया था कि बैंक एक बार फिर से परियोजना की समीक्षा करे। सरकार के सामने एक बार फिर बैंकों ने सहमति जताई है कि वे इस प्रोजेक्ट में पैसा लगाने को तैयार हैं। लेकिन पुल बनने के बाद टोल प्लाजा से होने वाली आय से बैंक अपना कर्ज वसूल करेगा। टोल प्लाजा से पैसे वसूल करने के लिए बैंकों ने सरकार से एक बार फिर से ट्रैफिक सर्वे कराने का आग्रह किया है ताकि अंदाजा लगाया जा सके कि भविष्य में वे कितनी आमदनी कर सकते हैं। टोल प्लाजा से होने वाली आय से बैंकों के साथ-साथ राज्य सरकार और एजेंसी को भी उनके खर्च के हिसाब से पैसा मिलेगा। पुल के साथ-साथ दोनों सिरों को जोड़ने वाली 46 किमी की अप्रोच रोड भी परियोजना में शामिल है।