कांग्रेस नेता ललन ने लॉक डाउन में मनमानी करने बाले अफसर को नापने का किया मांग

पटना : शनिवार को बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने बिहार के पुलिस महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे पुलिस फेण्डली कार्यो की सराहना किया है, साथ ही उन्होंने मांग किया है कि राज्य के थाना स्तर से लेकर उच्चपद के पुलिस पदाधिकारी डीजीपी के कार्यों से प्रेरणा ले लेकर उनका अनुशरण कर राज्य में बढ़ती हुई अपराधिक गतिविधि पर कंट्रोल करने की दिशा में कार्य करें। श्री ललन ने प्रबल तरीके से कहा कि पुलिस महिलाओं के प्रति सम्मान करें। इस संबध में कांग्रेस पार्टी ने धर्म ग्रन्थों का उदाहरण देते हुए बताया कि महिलाओं का सम्मान करना भारत की परम्परा रही है।

लॉकडाउन के दोरान महिलाओं के साथ हए हत्याचार पर ललन ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह चिंतनीय विषय है। पुलिस बालों के द्वारा मां बहनो के साथ थाना में अभ्रद व्यवहार किया जाता है। उन्होंने कहा कि माननीय सोनिया गांधी महिलाओं के अधिकारों के रक्षार्थ कृतसंकल्पित है। अपराध कंट्रोल करने की दिशा में उन्होंने पुन:डीजीपी के कार्यो की सराहना करते हुए उनसे अनुरोध किया कि वेसे पुलिस पदाधिकारियों को चिन्हत कर उन पर ठोस कारवाई करते हुए तबादला करे। राज्य मे हो रहे अपराध दर की सूची को जारी करते हुये कहा कि फरवरी की तुलना मे मार्च माह मे कमी आनी चाहिए थी, किन्तु ऐसा होने की जगह मार्च मे अपराध के ग्राफ मे वृद्धि दर्ज की गई।

कांग्रेस नेता ललन कुमार ने आपराधिक ग्राफ का हवाला देते हुए कंट्रोल करने की दिशा में DGP से ठोस कदम उठाने की मांग की है। युवा कांग्रेस नेता ने क्राइम आंकड़ा प्रदर्शित करते हुए कहा कि प्रदेश मे सधारण दंगा मे 41 फीसदी और भीषण दंगा मे 109 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई। इसी तरह फिरौती के लिए अपहरण मे 50फीसदी , हत्या के मामले में 18 फीसदी, डकैती 28.57 लूट 26.8 विविध 56.48 और संज्ञेय अपराध मे.26फीसदी वृद्धि दर्ज की गई।

उन्होंने कहा कि सधारण दंगा के फरवरी में 483 मामले रिकॉर्ड है, वहीं 20 मार्च तक 560 मामले रिकॉर्ड हुए। जबकि 20 मार्च के बाद अब तक 434 मामले प्रकाश मे आए है। वहीं भीषण दंगों के मामले मे फरवरी मे 11, 20 मार्च तक 20, 20 मार्च के बाद अब तक 18 मामले दर्ज हुए हैं।इसी तरह अपहरण के लिए फरवरी मे 817,मार्च 845 व अप्रैल मे 96 और फिरौती फरवरी मे 2 व मार्च मे 3 दर्ज किए गए। वहीं हत्या के मामले मे फरवरी मे 218,मार्च 254 व अप्रैल मे 82, विविध अपराध के मामले मे फरवरी मे 6494,मार्च 11062 व अप्रैल मे 4815 और संज्ञेय अपराध के मामले मे फरवरी मे 21065 , मार्च 81119 व अप्रैल मे 7181 मामले दर्ज किए गए। ललन ने कहा कि लाकडाउन के दौरान राज्य सरकार पुलिस प्रशासन को सिर्फ उनके कार्य को निष्पादित करने देती। अन्य कार्य एनडीआरएफ, होमगार्ड और सिविल डिफेंस के कर्मियों से निष्पादित कराती ,तो संभवत: राज्य में अपराध मे वृद्धि नहीं होती ।