न पियेंगे..ना ही बिकने देंगे..CM नीतीश 5 साल बाद फिर से ली, अधिकारियों संग शराब न पीने की शपथ..

डेस्क: 26 नवंबर को बिहार नशा मुक्ति दिवस (Bihar Drug Addiction Day 2021) के रूप में मनाया जाता है, इस अवसर सीएम नीतीश ने एक बार फिर से सभी पुलिस अधिकारियों के साथ शराब नहीं पीने की शपथ दिलाई, बता दे की शुक्रवार को पटना के ज्ञान भवन (Gyan Bhawan) में विभिन्न मंत्रियों और अधिकारियों को शपथ दिलाई, इस दौरान सीएम नीतीश ने खुद भी शराब नहीं पीने की शपथ ली।

महिलाओं के हित को लेकर यह कानून लागू किया गया: सीएम नीतीश संबोधन करते हुए कहा की आप कोई भी काम करिएगा तो लोग 100 प्रतिशत उसे स्वीकार नहीं करते हैं, कुछ न कुछ लोग गड़बड़ करेंगे, 2015 के जुलाई महीने में महिलाओं के बीच से शराबबंदी के लिए आवाज उठी थी, मैंने उसी समय कह दिया था, लोगों ने मुझे फिर मौका दिया तो हम बिहार में शराबबंदी लागू करेंगे, जिसके बाद हमने महिलाओं की बात मानते हुए शराबबंदी कानून (Liquor Ban) लागू किया, जब शराबबंदी कानून लागू किया गया, इसका प्रचार-प्रसार किया गया तो इसमें लोगो की बड़ी भागीदारी रही।

शराबबंदी को लेकर 9 बार समीक्षा की गई है: आगे उन्होंने कहा कि शराबबंदी कानंटी को लेकर हमने 9 बार समीक्षा बैठक की थी, जब कानून लागू, हुआ उस समय भी जहरीली शराब से मौत हुई थी और बड़ी करवाई भी हुई थी। इस बार और बड़ी घटना घटी है, शराब को लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 2016 में पूरे देश में सर्वे किया था, उसका हमने काफी प्रचार किया है,

डीजीपी ने कहा:- इस अवसर पर बिहार के संजीव कुमार सिंघल ने बताया कानून को लागू करने के लिए विभाग का एक-एक कर्मी कटिबद्ध है, शराबबंदी लागू करने से उसके सकारात्मक परिणाम समाज में नजर आ रहे हैं, इसे हर हाल में लागू किया जाएगा, अगर शराब के किसी भी मामले में किसी भी पुलिस कर्मी की संलिप्तता की बात सामने आती है, तो उसे तुरंत सेवा से निकाल दिया जाएगा।

शराबबंदी कानून 2016 में लागू हुई थी: जानकारी के लिए आपको बता दें कि बिहार 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण रूप से शराब बंदी कानून लागू की गई थी, इसके बावजूद भी बिहार में शराबबंदी का कोई असर नहीं पड़ा, जहां-तहां घर कर ले से विदेशी शराब बरामद होने लगी, जहरीली शराब पीने से बेकसूर लोग मारे गए, जिन पुलिस कर्मियों के कंधे पर शराबबंदी कानून (Bihar Liquor Ban Law ) को लागू करवाने की जिम्मेदारी है, उनमें से कुछ पुलिस कर्मी के ही मिलीभगत से राज्य में शराबबंदी कानून फेल हो रहा है, पुलिस मुख्यालय के आंकड़े के मुताबिक शराबबंदी कानून में संलिप्त पाए गए करीबन 700 से अधिक पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई भी हो चुकी है।