सीएम नीतीश ने 263 करोड़ को लागत से बने पुल का किया था उदघाटन, 29वें दिन ही बह गया अप्रोच पथ

डेस्क : बिहार सरकार बीते 15 साल में विकास के नए नए दावे करते नहीं थक रही है। बात यहाँ तक पहुंच गई है कि साल 2020 के विधानसभा चुनाव की तैयारी नीतीश कुमार के 15 साल बनाम लालू यादव के 15 साल पर लड़ने की तैयारी हो रही है। लेकिन बुधवार को बिहार के गोपालगंज में जो कुछ हुआ वो बिहार सरकार के पसीना छुड़ाने के लिए काफी हैं। जी उद्घाटन के एक महीना होने में अभी एक दिन बांकी ही थे कि पुल टूट गया।

हालांकि किन वजहों से पुल टुटा ये तो आने बाले वक्त में ही पता चलेगा लेकिन इस वक्त की सबसे बड़ी खबर वह वीडियो बन गया है जो बिहार के गोपालगंज में गंडक नदी के सत्तर घाट पर बने पुल का अप्रोच पथ बाढ़ के पानी में बहकर टूटने का मामला सामने आया है। दरअसल गोपालगंज में 16 जून को 263.47 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल का उद्घाटन ही हुआ था और 15 जुलाई को बाढ़ की पानी मे बह गया । इससे पहले सीएम नीतीश कुमार के गृह जिला से जल नल योजना के जल मीनार के गिरने का वीडियो वायरल होने से रुका भी नहीं था कि यह नया वीडियो ट्रेंड करने लगा है। इन सभी वाकया के बीच एक बात तो अब तय लग रही है बिहार सरकार का विकास खुद बखुद खोखला साबित होने पर तुला हुआ है।

बिहार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मदन मोहन झा ने तंज कसते हुए ट्वीट किया है कि 16 जून को 263.47 करोड़ रुपये की लागत से बने पुल का उद्घाटन और 15 जुलाई को उसका सत्यानाश। अब इसका आरोप बेचारे चूहों पर मत लगा देना।

विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि

8 वर्ष में 263.47 करोड़ की लागत से निर्मित गोपालगंज के सत्तर घाट पुल का 16 जून को नीतीश जी ने उद्घाटन किया था आज 29 दिन बाद यह पुल ध्वस्त हो गया। ख़बरदार!अगर किसी ने इसे नीतीश जी का भ्रष्टाचार कहा तो?263 करोड़ तो सुशासनी मुँह दिखाई है।इतने की तो इनके चूहे शराब पी जाते है।