CM नीतीश का लालू पर पलटवार, कहा- चाहे तो गोली मरवा सकते हैं पर और कुछ नहीं कर सकते..

न्यूज डेस्क: बिहार में इन दिनों राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। एक तरफ राजद (RJD) नेता लालु यादव अपने शहर बिहार लौट मुख्यमंत्री को चुनोती देते नज़र आए तो वही दूसरी और मुख्यमंत्री ने भी राजद के राज में हुए काम काज का चिट्ठा खोल दिया।

बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के सुप्रीमो नीतीश कुमार ने मंगलवार को राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव की “विसर्जन” टिप्पणी पर कटाक्ष किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर यादव चाहें तो उन्हें “गोली मार” सकते हैं, लेकिन कुछ और नहीं कर पाएंगे।

इससे पहले चारा घोटाला मामले में अपनी जेल की सजा काटने और विभिन्न बीमारियों के इलाज के बाद तीन साल से अधिक समय के बाद अपने गृह राज्य लौटे, लालु ने कहा कि वह कुमार और उनके “विसर्जन” को सुनिश्चित करेंगे। राज्य में आगामी उपचुनावों के चलते पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तेजस्वी यादव, जो राजद के वास्तविक प्रमुख हैं और विपक्ष के नेता भी हैं, “वास्तव में अच्छा कर रहे हैं”। यह बिहार में सत्तारूढ़ खेमे के लिए कड़ी लड़ाई ”। “मैं अपनी बीमारी और नजरबंदी के कारण दो चुनाव चूक गया था। बिहार के प्यार ने मुझे मेरी बीमारी से उबरने में मदद की। मैं 27 अक्टूबर को कुशेश्वर अस्थान और तारापुर में चुनाव प्रचार करूंगा।

वही नीतीश ने पलटवार करते हुए कहा मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद को 15 सालों का मौका मिला तो उन्होंने क्या किया? कितने लोगों को रोजगार मिला.?कितना सड़क बनावाया? बिजली के लिये क्या किया? स्कूल में कितनों को पढ़वाया? वर्ष 2005 के पहले क्या स्थिति थी अनुसूचित जाति, अतिपिछड़ी जाति, अल्पसंख्यक और महिलाओं की। हमलोगों को काम करने का मौका मिला तो ज्यादा रोजगार के लिए काम कर रहे हैं।

कोरोना के दौर में रोजगार के लिए प्रबंध किया है। बड़ी संख्या में शिक्षकों का नियोजन हुआ। विभिन्न विभागों में नियुक्ति का काम जारी है। इतना ही नहीं अपना रोजगार खोलने के लिए एससी और एसटी वर्ग को पांच लाख का अनुदान और पांच लाख के लोन दिलवाने का प्रयास कर रहे हैं। वही उन्होंने लालू प्रसाद के नाम लिये कहा कि” तो वे गोली ही मरवा दें। सबसे अच्छा यही होगा। बाकी कुछ तो वे नहीं कर सकते हैं। पर, अगर चाहें तो गोली मरवा सकते हैं।