डेस्क : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ज़वाब देते हुए कहा है कि बिहार में उनके इतने लम्बे कार्यकाल में पहले कभी ऐसा नहीं हुआ है कि मंत्रिमंडल विस्तार में इतनी देर हुई हो। इसके साथ ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि हमेशा से हम शुरुआत में ही पूरे मंत्रिमंडल का विस्तार कर देते थे। मालूम हो कि मुख्यमंत्री बीते शुक्रवार को मुख्य सचिवालय में समीक्षा बैठक करने के बाद पत्रकारों के सवाल का जवाब दे रहे थे।
वहीं गुज़रे गुरुवार को उनके साथ भाजपा प्रभारी भूपेंद्र यादव, प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल और दोनों मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद व रेणु देवी की हुई मुलाकात में मंत्रिमंडल विस्तार पर चर्चा हुई या नहीं, यह पूछे जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उनलोगों ने मंत्रिमंडल विस्तार पर कोई बात नहीं की। बिल्कुल सहज और सामान्य बातें हुई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में हमलोगों द्वारा जो भी काम हो रहा है, उसी पर बातचीत हुई। साथ ही, जो हमलोगों का लक्ष्य है, उन्हीं सब बातों पर चर्चा हुई। मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर दोनों ही उपमुख्यमंत्रीयों से कोई भी बात नहीं हुई है। गुरुवार की मुलाकात में कोई राजनीतिक बात नहीं हुई है। जबतक उन लोगों की राय नहीं आ जाएगी, तबतक तो नहीं हो पाएगी।
वहीं बिहार में फिर सरकार में सुशील कुमार मोदी को शामिल किए जाने के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों का लंबे दिनों का संबंध है। काफी दिनों से हमलोग साथ काम कर रहे हैं। पर, उन्हें बिहार लाना या नहीं लाना, यह तो भाजपा के हाथ में है। उन्हें बिहार लाया जा रहा है, इसकी कोई जानकारी मुझे नहीं है।
मालूम हों कि अभी तो कुल मिलाकर मंत्रिमंडल में 14 लोग हैं। भाजपा की इस संबंध में रिपोर्ट आ जाएगी, तो उसी आधार पर मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। गौरतलब हो कि 16 नवंबर को मुख्यमंत्री समेत 15 मंत्रियों ने शपथ ली थी। तभी से मंत्रिमंडल विस्तार के कयास लगाये जा रहे हैं।