बिहार : जमीन रजिस्ट्री के नियमों में बदलाव, अब नहीं होगी परेशानी, जानिए -नियम…

न्यूज डेस्क: बिहार में जमीन रजिस्ट्री की प्रक्रिया को एक बार फिर बदल दिया गया है। ये सब रजिस्ट्री प्रक्रिया को आसान करने के लिए किया गया है। जिससे लोगों को रजिस्ट्री कराने में दिक्कतों का सामना ना करना पड़े और आसानी से हो जाए। इसके तहत सरकार की ओर से मॉडल डीड के आधार पर तैयार कागजातों की रजिस्ट्री शुरू की गई है। जो 75 फ़ीसदी लागू हो गया है। वहीं कातिब से तैयार की गई रजिस्ट्री अब रोजाना घटकर 20 से 25 हो गया है। इसमें काफी समय लगता हैं। लेकिन इस मॉडल प्रक्रिया के तहत जमीन खरीदने वाला व बेचने वाला कागजात तैयार कराते है, उन सबकी जमीन राजिस्ट्री हाथों-हाथ रजिस्ट्री हो जाती है।

सामान्य दस्तावेजों की रजिस्ट्री के स्लॉट की संख्या घटाकर 25 करने से लिपिकों में काफी नाराजगी है। लिपिकों का कहना है कि विभागीय मनमानी के कारण स्लॉट कम किया गया है। ऑनलाइन अपॉइंटमेंट में भी दिक्कत आ रही है। विभाग एक ओर जहां मुंशी को लाइसेंस देकर कार्यालय में बैठा रहा है, वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्री बंद कर उन्हें परेशान कर रहा है। लेखपालों ने इसके खिलाफ कोर्ट जाने की चेतावनी भी दी है। इधर, जिला उप पंजीयक राकेश कुमार का कहना है कि विभागीय आदेश के अनुसार मॉडल डीड के माध्यम से अधिकतम संख्या में रजिस्ट्री की जा रही है. मॉडल डीड से तैयार दस्तावेजों की 75-80 फीसदी रजिस्ट्री की जा रही है।

इन कारणों से बढ़ेगी परेशानी : इधर, विभागीय आदेश के बाद जिले के चार मुफस्सिल उप पंजीयकों के उप पंजीयकों के मोबाइल व वाहन को जब्त कर लिया गया है। फिलहाल आधिकारिक मोबाइल तिरहुत प्रमंडल के सहायक महानिरीक्षक को सौंप दिया गया है। मुजफ्फरपुर के अलावा पूरे प्रदेश के कनिष्ठ निबंधकों को लेकर विभाग ने यह फैसला लिया है। सरकारी नंबर व मोबाइल जब्त होने से अवर पंजीयकों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। विभागीय कार्य के लिए उन्हें व्यक्तिगत नंबर देना होगा। दूसरी ओर वाहन सुविधा नहीं होने से आने-जाने में काफी परेशानी होती है। इससे उप पंजीयक विभागीय निर्णय के खिलाफ लामबंद होने लगे हैं।