अपनों ने लूटा : एलजेपी में चिराग पासवान के खिलाफ बगावत, जेडीयू में शामिल हो सकते हैं पांचों सांसद

न्यूज डेस्क : पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की मौत के बाद मानो लोजपा ताश की पत्तों की तरह बिखर गई। विधानसभा चुनाव 2020 से ठीक पहले लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान दिवंगत क्या हुए लोजपा के तो दुर्दिन ही आ गए हैं। पहले बिहार विधानसभा चुनाव 2020 में एनडीए से अलग-थलग लोजपा का चुनाव लड़ना और चुनाव में महज एक सीट पर चुनाव जीतना और वह भी कुछ दिनों के बाद अकेले विधायक का जदयू में चले जाना लोजपा के लिए पहले से खतरे की घंटी बजा रही थी।

हालांकि इस दौरान लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने भरपाई करने की थोड़ी बहुत कोशिश कर संगठन में भारी फेरबदल की थी। बावजूद इसके लोजपा में एक बड़ा कुनबा चिराग पासवान से नाराज चल रहा था। आखिरकार नाराजगी इतना बढ गई कि अब लोजपा के अंदर भी बड़ी टूट हो जाएगी । बताते चलें कि 6 सांसदों वाली पार्टी लोजपा के पांच सांसद अब लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग को अपनी नेता मानने की बजाय रामविलास पासवान के छोटे भाई पशुपतिनाथ पारस को अपना नेता मान बैठे हैं।

यह अंदर की खबर है कि दिल्ली में हुए एक उच्च स्तरीय सियासी बैठक में इस बात पर मुहर लग गई है । बताते चले कि विधानसभा चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ना लोजपा के अंदर कई बड़े नेताओं को नागवार गुजर रहा था। बावजूद इसके चिराग पासवान ने किसी भी लोजपा नेता की एक ना सुनी तभी से लोजपा के अंदर एंटी चिराग लॉबी डेवलप होने लगी थी। जो करीब 8 महीने बाद एंटी चिराग लॉबी बम की तरफ फूटा है , और अब लोजपा की टूट तय मानी जा रही है।

बताया जा रहा है कि लोजपा के एक मात्र विधायक का जदयू में जाने के बाद विधायकों की संख्या शून्य हुई, तो वहीं छह सांसदों में से पांच सांसदों की टूटने के बाद अब सांसद की संख्या भी महज एक रह जाएगी और चिराग पासवान अलग-थलग पड़ जाएंगे। ऐसे में सबसे बड़ा दिलचस्प बात यह होगा कि लोजपा सुप्रीमो चिराग पासवान की आगे की रणनीति क्या होती है। वहीं पॉलिटिक्स में ना कोई अपना और ना कोई पराया होने वाली बात एक बार फिर साबित हुई है।

जब रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान के साथ चाचा पशुपतिनाथ पारस ने राजनीतिक चाल चल दी। चिराग पासवान के चाचा पशुपति पारस के नेतृत्व में पार्टी के 5 सांसदों ने चिराग पासवान के खिलाफ बगावत कर दी है। चाचा पशुपति पारस के अलावे चिराग के चचेरे भाई प्रिंस राज, सांसद महबूब अली कैंसर, चंदन सिंह, वीणा देवी ने पाला बदल लिया है। बताया जा रहा है कि इन सभी ने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है जिसमें चिराग पासवान की बजाय पशुपति पारस को नेता चुनते हुए जानकारी दी गई है।