डेस्क: हाल के दिनों में सोशल मीडिया पर एक बुजुर्ग दादाजी छाए हुए थे, क्योंकि, उन्होंने कोरोना वैक्सीन एक-दो नहीं बल्कि 11 बार ले चुके थे और 12वी लेने की फिराक में थे। तभी स्वास्थ्य विभाग के कर्मियों ने उसे पकड़ लिया, और मामले का खुलासा हो गया। खुलासा होने के बाद दादा दी फरार चल रहे थे, लेकिन, इसी बीच टीकाकरण के लिए सरकार द्वारा बनाए गए नियमों का उल्लंघन के खिलाफ उसपर धोखाधड़ी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज कर दी गई और अब पुलिस उनके पीछे पड़ी है।
जानकारी के मुताबिक, स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टर विनय कृष्ण प्रसाद ने मधेपुरा के पुरैनी थाने में आईपीसी धारा 419, 420 एवं 188 के तहत केस दर्ज कराया है। फिलहाल पुलिस मंडल की तलाश कर रही है। दरअसल, मधेपुरा के औरैया गांव निवासी 84 वर्षीय ब्रह्मदेव मंडल ने 11 बार कोरोना टीका लगवा कर स्वास्थ्य विभाग को अचंभे में लाकर रख दिया है। मंडल के मुताबिक, 11 बार वैक्सीन लगवाया और 12वीं बार वैक्सीन लगवाने के दौरान चौसा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर ब्रह्म देव मंडल ने खुद इसकी जानकारी दी। जिसके बाद से खलबली मची हुई है। बुजुर्ग ने दावा किया कि टीका लगवाने से उनके घुटने का दर्द ठीक हो जाता है और यही कारण है कि वह बार-बार ऐसा करते रहे हैं।
सोमवार को जब पुलिस मंडल को औरैया घर पर छापेमारी करने गए तो ग्रामीण खिलाफ हो गए । ग्रामीण सोनी देवी और संजय ने मीडिया से कहा कि उसने केवल दर्द से राहत के लिए ऐसा किया। पुलिस प्रशासन उन्हें एक अपराधी की तरह तलाश रही है, यह ठीक नहीं है। वही मौके पर मौजूद मंडल की पत्नी निर्मला देवी ने कहा कि भागलपुर से घुटने के दर्द का इलाज चल रहा था, लेकिन इससे कुछ खास लाभ नहीं हुआ। फिर स्थानीय डॉक्टर भरत लाल से दवा ले रहे थे। इसके बाद 13 फरवरी 2021 को जब कोरोना टीका लगाया तो पहले खुराक में ही दर्द से काफी आराम मिला। पहले झुक कर चलने वाले बुजुर्ग अब सीधा होकर चलने लगे थे।