न्यूज़ डेस्क: बिहार में बेरोजगारी की समस्या हमेशा से रही है। समस्या इतनी जटिल है कि चुनाव के समय मुख्य मुद्दों में से एक यह भी होता है। परंतु, अफसोस कि बात है कि यह समस्या में कमी तक नहीं आ पाई है। मसला ये है कि कई डिग्रीधारी घर मे बिना नौकरी के बैठे हैं। नौकरी की इतनी अकाल है। ऐसे बिहार लोक सेवा संघ (BPSC) की नौकरी मिले तो क्या ही कहना है। इस परीक्षा में बैठने के लिए बिहार के भाड़ी तादाद में युवा-युवतियों द्वारा आवेदन दिया जाता है। इस स्तिथि में बीपीएससी (BPSC) के द्वारा विज्ञापन निकाला जाए और एक भी आवेदन ना मिले तो इस बात पर किसी को भी विश्वास नहीं होगा। वो जब इतने अच्छे तंखा वाली पद पर हो।
कैंडिडेट ना मिलने पर पर वापस कर दी गयी रिक्तियां: मामला यह है कि बीपीएसी के द्वारा विज्ञान एवं प्रावैधिकी विभाग के लिए साल 2020 में विज्ञापन प्रसारित किया गया था। यह विज्ञापन सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रोफेसर (सिविलियन, इंजीनियरिंग) के 40 पदों के लिए जारी किया गया था। मालूम हो कि इन पोस्टों के लिए कुछ आवेदन आये तो थे, परंतु इंटरव्यू के समय सभी लुप्त होगए। इन पदों के लिए इंटरव्यू 29 जुलाई को था, लेकिन जिन्हें बुलाया गया था उनमें से एक भी आवेदक नहीं आया। इसके बाद बीपीएससी ने अपनी मांग संबंधित विभाग को वापस कर दी है।
40 पदों हेतु सिर्फ एक उम्मीदवार चुना, वह भी नहीं पहुँचा: आपको जानकर हैरानी होगा, सभी 40 पदों हेतु सूची तैयार करने पर बीपीएसी ने सिर्फ एक कैंडिडेट को सेलेक्ट कर पाया था। चुने गए उमीदवार को बुलाते हुए एक विज्ञापन भी निकाला गया।, परंतु वह उमीदवार नहीं आया। वहीं सभी पोस्ट खाली रह गयी।