आरक्षण को समाप्त करने की साजिश रच रही है भाजपा : कांग्रेस

डेस्क : सर्वोच्य न्यायालय की आरक्षण को लेकर टिप्पणी के बाद ये मुद्दा एक बार फिर चर्चा में आ गया है. विपक्ष सरकार पर हमलावर है और सरकार सफाई दे रही है कि वो आरक्षण के पक्ष में है. बिहार चुनाव से पहले विपक्ष को सरकार को घेरने का धरा धराया मुद्दा मिल गया है. बिहार युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार का कहना है कि भाजपा आरक्षण विरोधी है उसे समाप्त करने की साजिश रच रही है.

कांग्रेस नेता ने कहा कि एक अप्रैल 2018 के आंकड़ों के मुताबिक देश के 40 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दलितों की संख्या कुल 39 है जबकि कम से कम 169 होनी चाहिए, पिछड़ वर्ग से एक भी प्रोफेसर नहीं है जबकि कम से कम 304 प्रोफेसर होने चाहिए जबकि सवर्ण प्रोफेसरों की संख्या 1071 है जोकि अधिकतम 562 होनी चाहिए. इतना ही नहीं देश में एक भी एसोसिएट अस्टिंट प्रोफेसर नहीं है. उन्होंने कहा कि रेलवे में गु्रप ए व बी में कुल अफसर 16381 हैं जिसमें पिछड़ों की संख्या महज 1319 है जबकि सवर्णों की संख्या 11273 है. इसी तरह केंद्र सरकार के कुल 71 विभागों में ए व बी ग्रुप के पिछड़े अफसरों की संख्या है 51384 जबकि सवर्णों की संख्या है 216408.

ललन कुमार ने कहा कि अगर अभी भी पिछड़े एकजुट नहीं हुए तो आने वाले समय में उनकी स्थिती और भी बदतर हो सकती है. उन्होंने कहा कि जबतक भाजपा की सरकार है तबतक पिछड़ों, दलितों, अल्पसंख्यकों और आदिवासियों को न्याय नहीं मिल सकता, हमें एकजुट होकर भाजपा को सत्ता से बाहर करना चाहिए जिसकी शुरूआत बिहार विधानसभा चुनाव से करनी है. कांग्रेस नेता ने कहा कि भाजपा संविधान को बदलकर मनुवाद को लागू करना चाहती है, जितनी जल्दी ये बात जनता के समझ में आए उतना ही बेहतर है.