न्यूज़ डेस्क : हिम्मत-ए-मर्दा तो मदद-ए-खुदा’ की बानगी हैं। इसी कहावत को चरितार्थ करके दिखाया है। बिहार के एक छोटे से गांव की रहने वाली नीशु सिंह ने। बता दें कि अब बिहार की बेटियां भी किसी से कम नहीं है। चाहे शिक्षा में हो या फिर सेना में सब में बराबरी का दावेदार ठोक रही है। जमुई जिले के एक छोटे से ग्रामीण परिवेश से आने वाली निशु सिंह ने अपने गांव की नहीं बल्कि अपने राज्य का भी नाम फलक से ऊपर किया। बता दें कि नीशु सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मनाली स्थित माउंट फ्रेंडशिप पीक के 16262 फीट ऊंचाई पर चढ़कर तिरंगा फहरा दिया।
इससे पहले निशु देश के 10 सबसे ऊंची चोटी पर चढ़ चुकी है: बता दें कि बीते दिन 22 जून को निशु सिंह ने माउंट फ्रेंडशिप पीक पर 16 हजार फ़ीट से अधिक ऊंचाई पर चढ़ाई कर देश की शान तिरंगा लहरा कर अपने गांव, समाज परिवार का नाम रोशन किया है। वह मूल रूप से वह जमुई जिले के बरहट प्रखंड इलाके के टेंगहरा गांव की रहने वाली हैं। निशु सिंह को बचपन से ही ऊंचाइयों पर चढ़ने का शौक था। इसी कारण वो पर्वतारोही के रूप में अपनी मेहनत और लगन के बल पर पहचान बना चुकी है। हाल ही में बीते 22 अप्रैल को निशु सिंह अफ्रीका के सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर तिरंगा लहराया था।
उनका लक्ष्य माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने का है: अभी वर्तमान में निशु सिंह का पूरा परिवार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में रहता है। उनके पिता विपिन कुमार सिंह सीआरपीएफ (CRPF) में सिपाही रह चुके हैं। और वह फिलहाल, वहां एक नहीं निजी बैंक में गनमैन के रूप में काम करते हैं। परिवार की आर्थिक कमजोरी और तमाम परेशानियों को पीछे छोड़ निशू लगातार सफलता की ऊंचाइयों को छू रही है। जिससे उसके परिवार और गांव वाले खुश हैं। पर्वतारोही निशु सिंह का कहना है कि उनका लक्ष्य है कि वो माउंट एवरेस्ट पर चढ़कर तिरंगा लहराकर सबका नाम रौशन करुं।