बीहट सिद्ध पीठ बड़की दुर्गा मंदिर में आने बाले सभी भक्तों की सारी मनोकामनाएं होती है पूरी।

बेगूसराय। सूबे बिहार और झारखंड का गौरव सबसे ऊंचा 220 फीट का विशाल माता दुर्गा का यह मंदिर बेगूसराय जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर पश्चिम तथा हथिदह रेलवे जंक्शन से 5 किलोमीटर उत्तर और बरौनी रेलवे स्टेशन से 4 किलोमीटर दक्षिण पर बीहट नगर परिषद के वार्ड नंबर 18 में माता दुर्गा का यह मंदिर अवस्थित है ।इस मंदिर में पूजा अर्चना मुगलकालीन समय से होते हुए आ रही है। पहले यह मंदिर मलहुपुर गांव में फूस के घर में दूर्गा जी की पूजा होती थी लेकिन आश्विन मास के समय में गंगा में प्राया बाढ़ आ जाने के कारण मंदिर में पानी आ जाता था।जिसके कारण ठीक से दुर्गा जी का पूजा नहीं हो पाता था।जिसके कारण मलहीपुर गांव और बीहट गांव के लोगों ने इस मंदिर की स्थापना करके बीहट गांव के मध्य में सबसे ऊंचे टीले पर विगत 14 फरवरी 2009 को इस दुर्गा मंदिर के विशाल एवं भव्य मंदिर बनाने का आधारशिला रखकर बनाना प्रारंभ किया और करोड़ो रुपये की लागत से 10 वर्षों के अंदर आज की तारीख में यह मंदिर बनकर पूरा तैयार हो गया है।जो सूबे राज्य का सबसे विशाल और सबसे ऊंचा मंदिर है । इस मंदिर के पुजारी फलाहारी बाबा पंकज कुमार सिंह कहते हैं कि मैया भगवती की असीम कृप यहां परा है ।

इस दुर्गा मंदिर में सालों भर यहाँ पर मैया की पूजा आरती की जाती है ।काफी दूर दूर से यहाँ पर वक्त श्रद्धालु लोग पहुंचकर पूजा अर्चना करके मन्नतें मांगते हैं। सैकड़ों वैसे श्रद्धालु माताएं बहने हैं जिनको मैया की कृपा से पुत्र रत्न धन की प्राप्ति हुई है। वहीं इस मंदिर में पूजा कमेटी से जुड़े इस गांव के आधे से अधिक कार्यकर्ताओं को मां की कृपा से नौकरी भी लग गई है ।यहां पर मुंडन संस्कार, विवाह भी इस मंदिर के प्रांगण में होते रहता है।फलाहारी बाबा पंकज ने बताया कि पिछले 12 वर्षों से अन्न को छोड़कर मैं फल खाकर सालो भर रहता हूं और माता भगवती की सेवा में अनवरत लीन रहता हूँ। उन्होंने अपने जीवन की आपबीती कहानी का प्रत्यक्ष प्रमाण देते हुए मां भगवती की कृपा के संबंध में बताया कि इस गांव के निवासी और पूर्व नगर परिषद बीहट के चेयरमैन रहे टुना सिंह के घर में आज से 4 साल पहले एक विषधर गेहूंमन सांप विषैला घर में बैठा हुआ था।

मेरी हमेशा इच्छा रहती है कि किसी भी जीव की हत्या नहीं हो मेरे आंखों के सामने में ।
नगर परिषद बीहट के पूर्व चेयरमैन की मां ने मुझे बुलाकर अपने घर सांप को दिखाने के लिए ले गयी थु। मैंन उनकेे घर पर पहुँचकर उस विषधर गेहुमन सांप को हाथ से पकड़ने का कोशिश कर ही रहा था ।इसी दौरान उसने मेरे हाथ में डस लिया ।लेकिन मैंने उस सांप को पकड़कर एक डब्बा में बंद कर लिया और उस सांप को उठाकर भगवती के मंदिर में लाकर रख दिया ।इस दौरान उस सांप के काटने के बाद मेरे पूरे शरीर में उसका विष फैल गया था। मैंने मां भगवती के मंदिर में प्रवेश कर उनकी प्रार्थना और अराधना करके नीर और भभूत खा लिया। उसके खाने के कुछ देर बाद ही मेरे पूरे शरीर से सांप का विष उतर गया ,और मैं आज भी जिंदा हूँ।यह मां की साक्षात मेरे ऊपर बड़ी कृपा है .फलाहारी बाबा ने बताया कि जो भी भक्त श्रद्धालु सच्चे मन से इस माँ के दरबार में आकर प्रार्थना कर मन्नतें मांगते हैं। उनकी मैया हर मनोकामनाएं को पूरा करती है ।इस मंदिर में प्राय: दर्शन और पूजामंदिर में करने वाले लोगों की अपार भीड़ नवरात्र के दौरान मेला में लगती है। उन्होंने मंदिर में विधि व्यवस्था को बनाए रखने के लिए इस बार जिला प्रशासन से सुरक्षा व्यवस्था की मांग की है।