बिहार, पंजाब और 4 राज्यों ने की मजदूरों के लिए स्पेशल ट्रेन चलवाने की मांग

डेस्क : लॉकडाउन की वजह से विभिन्न राज्यों में फंसे मजदूर तीर्थयात्री और छात्रों को घर तक ले जाने के लिए राज्यों ने अपने अपने स्तर पर तैयारी शुरू कर दी है हालांकि पंजाब तेलंगाना बिहार और केरल ने केंद्र सरकार से लोगों को वापस लाने के लिए विशेष ट्रेन चलाने की मांग करी है राज्यों का कहना है कि लोगों की संख्या काफी ज्यादा है, ऐसे में बसों में इन लोगों को घर तक पहुंचाना काफी मुश्किल रहेगा और बहुत समय ले लेगा और इससे संक्रमण का खतरा भी बना रहेगा क्योंकि इन बसों को कई राज्यों से होकर गुजरना होगा। यह कदम इसलिए लिया जा रहा है क्योंकि हाल ही में बीते बुधवार को राज्य सरकार के द्वारा यह फैसला लिया गया है कि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों तीर्थयात्रियों और मजदूरों को वापस अपने गृह राज्यों में जाने की अनुमति है लेकिन 10 नियम कायदों के अनुसार इन लोगों को बसों के जरिए एक राज्य से दूसरे राज्य भेजा जाएगा।

बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं जल संसाधन मंत्री संजय झा ने मजदूरों को वापस बुलवाने के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग करी है मोदी ने कहा संशोधित लॉक डाउन दिशा निर्देश के मद्देनजर देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे लोगों की वापसी के लिए विशेष ट्रेनों की सुविधा उपलब्ध करवाई जाए और इसकी अनुमति भी दी जाए इसके बाद उनका कहना है कि बसों की सीमित उपलब्धता और सड़क मार्ग के जरिए लोगों को लाने ले जाने में महीनों लग सकते हैं।अपने लोगों को वापस बुलाने के लिए संजय झा का कहना है कि बिहार सरकार बिहार वासियों के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की व्यवस्था करें ताकि इतने सारे लोग सकुशल और सीमित समय में घर पहुंच सकें।

वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सारे उपयुक्तओं को दिशानिर्देश कर कहा है कि लोकडाउन के कारण राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों का डाटा तैयार करा जाए, मुख्यमंत्री ने घोषणा करी है कि प्रवासी मजदूरों की वापसी की प्रक्रिया के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त करा जाए उन्होंने बताया कि सिर्फ लुधियाना में ही 700000 से अधिक प्रवासी मजदूर है जबकि पूरे पंजाब में 10 लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक होने की संभावना है मुख्यमंत्री अरविंद सिंह और उनकी सहायक टीम डाटा जुटाने में लगे हुए हैं आपको बता दें कि पंजाब में लगभग 70% मजदूर बिहार से आते हैं उनका कहना है कि इतनी बड़ी तादाद में मजदूरों की आवाजाही केवल ट्रेनों के माध्यम से ही संभव हो सकती है उनके आने-जाने की तिथि और समय जल्द से जल्द निर्धारित करनी होगी।

महाराष्ट्र सरकार ने भी इस पर अधिसूचना जारी करी है और कहा है कि राज्य के भीतर जितने भी फंसे हुए लोग हैं जो आवागमन करना चाहते हैं वह सभी जिलाधीश को नोडल प्रतिकार नियुक्त करें और अपने अपने जिले में फंसे हुए लोगों के नाम दर्ज करें उसके बाद यह जो नाम दर्ज हुए हैं यह जिलाधीश को सौंप दिए जाएंगे साथ ही जितने भी लोग फंसे हुए हैं उन सब को यह पत्र अपने साथ रखना होगा अधिसूचना में यह भी कहा गया है कि अंतर राज्य आवागमन के लिए भेजने वाले और आगमन वाले राज्य व केंद्र शासित प्रदेश एक दूसरे से संपर्क में रहेंगे और सड़क मार्ग मैं आपसे तौर पर सहायता करेंगे।

कर्नाटक सरकार का कहना है कि हमें ही लोगों का खर्च उठाना होगा लोग डाउन के चलते राज्य के विभिन्न हिस्सों में जितने भी प्रवासी श्रमिक हैं पर्यटक एवं विद्यार्थी हैं उल्लू को मूल स्थान पहुंचाने का निर्णय लिया है कानून और संसदीय कार्यमंत्री ने मधुस्वामी जी की राय ली जिस पर उन्होंने कहा कि एक बार की यात्रा होगी और सरकार जरूरतमंदों के लिए बसों का इंतजाम करेगी लेकिन खर्च उन्हें ही उठाना होगा उन्होंने यह भी कहा है कि जो लोग राजू को लौटने के लिए इच्छुक हैं उन्हें करो ना के परीक्षण से होकर ही गुजारना होगा। हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से या खबर आ रही है कि शाहपुर उपमंडल में 98 कश्मीरी मजदूर आज बसों में जम्मू कश्मीर अपने घर के लिए रवाना हो चुके हैं शाहपुर के मजिस्ट्रेट जगन ठाकुर ने बताया कि स्थानीय प्रशासन ने 4 प्राइवेट बसों में इन मजदूरों को अपने राज्य के लिए भरकर रवाना करा है प्रशासन ने इन मजदूरों को पास पानी और फल इत्यादि देकर बसों में बिठाया।