सोलर महाशक्ति बनने की दिशा में बिहार : इन जिलों में बनेगा पानी में तैरता हुआ सौर उर्जा प्लांट,ऐसे करेगा काम

न्यूज़ डेस्क : बिहार इन दिनों बिजली के क्षेत्र में बहुत तरक्की की ओर आगे बढ़ रहा है। बता दें कि लगातार अलग-अलग क्षेत्रों में बड़े बड़े थर्मल प्लांट लगाकर बिजली का उत्पादन किया जा रहा है। इससे साफ जाहिर है कि बिहार में अब बिजली की किल्लत नहीं पड़ेगी। लेकिन, इसी बीच अब बिहार सरकार के पहल पर जल्द ही एक अनोखा सोलर पावर प्लांट पर काम शुरू हो होगा। यह अनोखा इसलिए है क्योंकि यह सोलर पावर प्लांट पानी के ऊपर तैरता रहेगा और बिजली का उत्पादन होता रहेगा। यह बिहार का एकमात्र पानी के ऊपर तैरता हुआ सोलर प्लांट होगा सबसे बड़ी बात यह है कि इस सोलर प्लांट का काम भी प्रारंभ कर दिया गया है।
दरभंगा में बनेगा यह सोलर प्लांट : बता दें कि इस सोलर प्लांट का आरंभ बिहार के दरभंगा जिले से किया जाएगा। चूंकि: एक मेगावाट के लिए औसतन चार-पांच एकड़ के तालाब की जरूरत होती है। जबकि बिजली कंपनी कार्यालय में 10 एकड़ से अधिक का तालाब है। इसलिए यहां 1.6 मेगावाट बिजली परियोजना पर काम हो रहा है। दिसम्बर 2021 में इसे पूरा करने का लक्ष्य है।
सुपौल में भी बनेगा यह प्लांट : दरभंगा के बाद बिहार के सुपौल में भी इस तरह का अनोखा फ्लॉटिंग सोलर प्लांट का निर्माण पर काम हो रहा है। सुपौल में बिजली घर की क्षमता 0.525 मेगावाट है। यहां कंपनी ने एजेंसी का चयन कर काम शुरू कर दिया है। गेनसोल इंजीनियरिंग लिमिटेड (Gensol Engineering Pvt Ltd ) नामक एजेंसी इसपर काम कर रही है। परियोजना में लगभग तीन करोड़ खर्च होने की उम्मीद है। इसे जून में ही पूरा करने का लक्ष्य था।
ऐसे करेगा काम : फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट तालाब पर काम करेगा। इसमें अधिकतम 55-60 फीसदी क्षेत्र में सौलर पैनल लगेगा। पैनल एक ऐसे बेस पर काम करेगा जो खोखला होगा और पानी में तैरता रहेगा। उसके ऊपर ही सोलर प्लेट लगेगा। इसका डिजाइन ऐसा होता है कि पानी कम हो या अधिक इसपर कोई फर्क नहीं पड़ता। कम होने पर बेस नीचे आ जाता है जबकि पानी अधिक होने पर वह उसी अनुपात में ऊपर आकर तैरता रहता है।