Bihar Diwas 2022: जानिये बिहार दिवस क्यों मनाया जाता है, जानिये बिहार के राजकीय चिन्ह के बारे मे!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को बिहार दिवस या बिहार दिवस 2022 के अवसर पर बधाई दी। एक tweet में, प्रधानमंत्री ने कामना की कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत में समृद्ध राज्य, विकास में नए कीर्तिमान स्थापित करे।

उत्तरप्रदेश के CM योगी आदित्यनाथ ने भी बिहार के स्थापना दिवस पर बधाई दी। उन्होंने tweet किया, “प्राकृतिक संसाधनों से आच्छादित, आध्यात्म और क्रांति की ऐतिहासिक भूमि, महान तपस्वियों और ऋषियों की धरती, शिक्षा और महान संस्कृति से आच्छादित बिहार के स्थापना दिवस पर बिहारवासियों को हार्दिक बधाई। ईश्वर से प्रार्थना है कि बिहार और भी विकास और समृद्धि का शिखर स्पर्श करे ।” आपको बता दे की 22 मार्च,1912 में बंगाल से अलग होकर बिहार बना था इसीलिए हर साल 22 मार्च को बिहार दिवस मनाया जाता है ।

बिहार दिवस के अवसर पर जानते हैं बिहार के कुछ राजकीय चिन्ह के बारे में … बिहार का राज्य चिन्ह दो स्वस्तिकों से घिरा बोधि वृक्ष है। उर्दू में ही बिहार बोधिवृक्ष पर आधारित है। बिहार के गया जिले में महाबोधि मंदिर के पीपल के पेड़ को बोधि वृक्ष कहा जाता है। इसके नीचे बैठकर 531 ईसा पूर्व में भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

राजभाषा (प्रथम): हिन्दी बिहार भारत का पहला राज्य है जिसने हिंदी को अपनी आधिकारिक भाषा घोषित किया है। 1881 तक बिहार की राजभाषा उर्दू थी। इसके स्थान पर बिहार ने हिन्दी को अपनाया और उर्दू को बिहार की दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया

राजकीय पशु : बैल बिहार का राजकीय पशु बैल है। पुराने जमाने में बैलों से खेती की जाती थी, यह बिहार की कृषि प्रधानता का प्रतीक है। इसकी रक्षा के लिए 2013 में बिहार सरकार द्वारा इसे बिहार के राज्य पशु के रूप में अपनाया गया है।

राज्य पक्षी : गौरैया बिहार का राज्य पक्षी गौरैया है। एक समय था जब चिड़ियों की चहचहाहट से लोगों की नींद खुल जाती थी लेकिन प्रदूषण और बढ़ती आबादी के कारण इनकी संख्या में धीरे-धीरे कमी आई है। इसके संरक्षण के लिए बिहार सरकार ने 2013 में इसे राज्य पक्षी के रूप में अपनाया है। पहले बिहार का राज्य पक्षी नीलकंठ था।

राजकीय फूल : बिहार के राज्य फूल का नाम गेंदा फूल है। गेंदा का फूल एक ऐसा फूल है जो बिहार के लगभग हर घर में पाया जाता है। इसकी लोकप्रियता के कारण, बिहार सरकार ने 2013 में इसे बिहार का राज्य फूल घोषित किया। पहले राज्य का फूल कचनार फूल था।

राजकीय वृक्ष : पीपल बिहार के राजकीय वृक्ष का नाम पीपल का पेड़ है। पर्यावरण एवं वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीपल राज्य के सांस्कृतिक पक्ष से भी जुड़ा है। पीपल का पेड़ बिहार में ज्ञान और परंपरा का प्रतीक है। इसलिए पीपल बिहार का राजकीय वृक्ष है।

आधिकारिक खेल : कबड्डी बिहार का राजकीय खेल कबड्डी है। कबड्डी टीम में खिलाड़ियों की संख्या 12 होती है लेकिन केवल 7 खिलाड़ी ही खेलते हैं। बिहार के अलावा, कबड्डी तमिलनाडु, महाराष्ट्र, पंजाब, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश का राज्य खेल भी है।

राज्य गीत : मेरा भारत के कांगड़, तुझको शत-शत वंदना बिहार बिहार का राजकीय गीत है मेरा भारत के कंठार, तुझको शत-शत वंदन विहार। इस गीत को कवि सत्य नारायण ने लिखा है। इसका संगीत हरि प्रसाद चौरसिया और शिवकुमार शर्मा ने दिया है। गीत को आधिकारिक तौर पर मार्च 2012 में अपनाया गया था।

राज्य प्रार्थना : मेरी गति पर सूर्य की किरणें चमकें बिहार का राज्य प्रार्थना गीत मेरी गति पर सूर्य की किरणें चमकें। इस प्रार्थना गीत को मुजफ्फरपुर के MR चिश्ती ने लिखा है।