डेस्क : बिहार सरकार ने बाहर राज्य में फंसे श्रद्धालुओं, कामगारों, मजदूरों, पर्यटको और छात्रों को वापस लाने के लिए 31 राज्य शासित प्रदेशों में अपने नोडल अधिकारी की नियुक्ति कर दी है, विपदा प्रबंधन विभाग ने 19 अधिकारियों को नोडल अधिकारी के रूप में राज्यों का जिम्मा उनके माथे सौंपा है। यह सारे नोडल अधिकारी अपने संबंधित राज्यों में जाएंगे और वहां के अधिकारियों के संपर्क में आकर बिहार के जितने भी लोग हैं सब की जानकारी जुटाएंगे इसके बाद वह उनको वापस लाने की व्यवस्था भी करेंगे, दूसरे राज्य से निकलने के पहले अप्रवासी बिहारियों के स्वास्थ्य समीक्षा करी जाएगी और इसकी जिम्मेवारी संबंधित राज्य की होगी। जो भी व्यक्ति या समूह वापस आएगा उसकी सहमति पहले ही ले ली जाएगी कि वह सड़क मार्ग से अपने राज्य में जाने को तैयार है या नहीं ,यहां पहुंचने के बाद भी जिला स्तर पर उसकी स्वास्थ्य जांच करी जाएगी। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी ट्वीट कर के जानकारी दी है ।
बाहर से आने वालों के लिए लगभग 1000 भवन चिन्हित करें हैं, आपको बता दें कि राज्य में बाहर से आने वाले अप्रवासी बिहारियों को रुकने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग ने अब तक 1000 भवनों को चिन्हित कर दिया है इन भवनों को कारण्टीन सेंटर के रूप में तब्दील करा जाएगा विभाग के ओएसडी संजय कुमार का कहना है कि बाहर से आने वाले सभी लोगों की जांच सीमा पर रहकर ही करी जाएगी। इसके बाद फिर सारे लोगों को जिला मुख्यालय ले जाया जाएगा वहां पर स्थानीय जिला प्रशासन की मदद से अपने गृह प्रखंड में ले जाकर क्वॉरेंटाइन कर दिया जाएगा हर जगह उनकी स्क्रीनिंग चलेगी वहां उन केंद्रों में लोगों को लगभग 14 से 15 दिन तक रखने की व्यवस्था करी जाएगी इसके बाद उन्होंने कहा कि राज्य और बाहर बने राहत केंद्रों में राहत के लिए 136000 लोगों ने फोन करा है बाहर रहने वाले तकरीबन 2800000 लोगों ने अब तक अपना निबंधन राहत में दिए जाने वाली राशि के लिए नाम दर्ज करवाया है 28 लाख में से 26 लाख का सत्यापन किया जा चुका है और लगभग 15 लोगों के खाते में हजार हजार रुपए डाल दिए गए हैं।