सतर्क रहें! Bihar में कभी भी आ सकता है 1934 जैसा बड़ा भूकंप, डरें नहीं, बरतें एहतियात..

डेस्क : बिहार में बीती रात को भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। इससे जान-माल की कोई क्षति नहीं हुई, लेकिन इसने 1934 के 15 जनवरी की दोपहर में आए रिक्‍टर स्‍केल पर 8.5 की तीव्रता वाले उस भूकंप की याद जरूर दिला दी है, जिसने बिहार में 10 से 11 हजार तो नेपाल में 9 से 10 हजार लोगों की जान ले ली थी। वैज्ञानिकों की मानें तो प्रदेश में ऐसा भूकंप कभी भी आ सकता है। आज की घनी आबादी को देखते हुए ऐसे बड़े भूकंप से 2 लाख से अधिक लोगों की मौत भी हो सकती है।

1934 में आये भूकंप से मची थी भारी तबाही

वर्ष 1934 के भूकंप का केंद्र नेपाल में था। उससे नेपाल व बिहार में भारी तबाही भी मची थी। राज्‍य के मुंगेर व सीतामढ़ी तबाह हो गए थे। चंपारण, मुजफ्फरपुर, सीतामढ़ी, दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, पूर्णिया, भागलपुर जिले आदि जिलों में तबाही का आलम था। इसके बाद फिर वर्ष 1988 में 6.6 की तीव्रता वाला भूकंप आया था। इस भूकंप की शक्ति 1934 के भूकंप से 750 गुना कम थी।

महाविनाशकारी होगा 1934 जैसा ये भूकंप

IIT रुड़की के अर्थक्वेक इंजीनियरिंग विभाग डिपार्टमेंट के प्रोफेसर एमेरिटस डाक्‍टर आनंद एस आर्या की एक रिसर्च के मुताबिक भूकंप से होने वाला नुकसान जनसंख्‍या एवं क्षेत्र में हुए निर्माण कार्य पर निर्भर करता है। डाक्‍टर आर्या जनगणना के आंकड़ों के आधार पर यह बताते हैं कि हाल के वर्षों में तेज निर्माण कार्य व जनसंख्या वृद्धि के कारण वर्ष 1934 की तीव्रता वाला भूकंप एकदम महाविनाशकारी हो सकता है।

कभी भी आ सकता है कोई भी बड़ा भूकंप

कुछ साल पहले IIT कानपुर के सिविल इंजिनियरिंग विभाग के प्रोफेसर जावेद एन मलिक ने अपनी रिसर्च में यह बताया था कि बीते 5 सौ साल के दौरान गंगा के मैदानी क्षेत्र में कोई बहुत बड़ा भूकंप नहीं आया है। ऐसे में दिल्ली से बिहार के बीच 7.5 से 8.5 के बीच की तीव्रता वाला बड़ा भूकंप कभी भी आने की भी आशंका है।