बरौनी डेयरी को 5 लाख प्रतिदिन की जगह 3 लाख लीटर ही मिल रहा दूध , बाढ़ की तबाही से पशुओं पर आया संकट

न्यूज डेस्क : बेगूसराय जिले में विगत 15 दिनों से आई बाढ़ में हुई तबाही के कारण दूध उत्पादन में काफी कमी आई है । इसका मुख्य वजह बाद में पशुपालकों को हो रही परेशानी और पशुओं को सही समय पर चारा पानी ना मिलने की बात सामने आ रही है। जबकि बहुत बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के पशुपालक के अधिकांश पशुओं को लेकर तितर-बितर हो चुके हैं। उन पर पशुओं को चारा उपलब्ध कराने की भी समस्या आन पड़ी है। जिसका सीधा सीधा असर जिले में दूध उत्पादन पर पड़ा है। जिस वजह से बरौनी डेयरी में जहां 5 लाख लीटर दूध प्रतिदिन कलेक्शन किया जाता था।

वह अब 3 लाख लीटर के कलेक्शन पर आकर सिमट गया है। जिसके बाद से दूध की किल्लत होने की संभावना है। हालांकि बरौनी डेयरी अपने स्टॉक में पाउडर वाले दूध से जितने डिमांड है मार्केट की उतना पूरा करने की कोशिश में लगी हुई है । जिला प्रशासन ने भी आपात काल में बरौनी डेयरी से 4 टन दूध की खरीदारी की । जो कि बाढ़ प्रभावित शिविर में बच्चों को पिलाया जाने के काम किया जा रहा है। बरौनी रिफाइनरी के सौजन्य से और जिला प्रशासन ने मिलकर 40 टन साइलेज जो पशु चारा के रूप में उपयोग होता है उसकी भी खरीदारी की है। डेयरी ने दूध के कलेक्शन काटने के बाद भी अपने दूध के दाम में कोई इजाफा नहीं किया है । लोगों को पुरानी दरों पर दूध मुहैया करवाई जा रही है । जिले में जब तक स्थिति सामान्य नहीं होते हैं तब तक बरौनी डेयरी दूध की किल्लत को पाउडर वाले दूध से पूरा कर रही है । बरौनी डेयरी के कई आला अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक बरौनी डेयरी पशुपालकों के बेहतरी की दिशा में लगातार काम कर रही है।

जिसका प्रमाण है कि बरौनी डेयरी ने साइलेज निर्माण का काम विगत समाज में शुरू किया था। जिसका फायदा अभी के समय में मिल रहा है और इमरजेंसी समय में पशुपालकों को साइलेज मुहैया करवाई जा रही है।