बिहार में 1 जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन, जानें – अब कौन सी प्लास्टिक का होगा इस्तेमाल..


डेस्क : वर्ष 2016 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार भारत देश में प्रतिदिन 15000 टन प्लास्टिक का अपशिष्ट निकलता है ।जो कि दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। प्लास्टिक अपशिष्ट की मात्रा जो कि विश्व स्तर पर आंकी जाए तो उससे पूरी पृथ्वी को पांच बार तक लपेटा जा सकता है। अक्सर मनुष्य खुद की सहूलियत के लिए जिन चीजों को बनाता है जब उनका दुरुपयोग होने लगता है तो वह परेशानी का सबब बन जाती है। ऐसा ही कुछ प्लास्टिक के साथ हुआ जिसे बनाया तो गया था लाभ के वास्ते पर अब ये प्रकृति और मानव के लिए खतरा बन गया है। इसी संदर्भ में बिहार सरकार ने कुछ ठोस कदम हाल ही में उठाए हैं।

समय सीमा समाप्ति के बाद सिंगल यूज़ प्लास्टिक इस्तेमाल करने वालों को किया जाएगा दंडित : राज्य के पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने सिंगल यूज प्लास्टिक के इस्तेमाल को रोकने के लिए हर किसी को संकल्पित होने के लिए कहा है। इसके लिए बिहार में आगामी एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक के सामानों पर पूर्ण प्रतिबंध लग जाएगा। दुकानदारों को सूचित किया गया है कि 1 जुलाई से पहले वह अपने पास रखे सभी तरह के उत्पादों को खत्म कर ले क्योंकि 1 जुलाई के बाद सिंगल यूज प्लास्टिक के किसी भी उत्पाद के ऊपर कोई छूट नहीं दी जाएगी। नियम का उल्लंघन करते हुए पाए गए व्यक्ति को दंडित भी किया जाएगा।

थर्मोकोल की प्लेट से लेकर अन्य कई सामग्रियों के इस्तेमाल पर लगा रोक : पैरालायसिस प्लांट यानी कि प्लास्टिक से तेल बनाने वाली यूनिट के लिए राज्य औद्योगिक क्षेत्र में 5% क्षेत्र आरक्षित करेगी। सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद तैयार करने वाले उद्यमी इसका लाभ उठा सकते हैं। रोक लगाने वाले सामानों की सूची में प्लास्टिक स्टिक युक्त ईयर बर्ड्स ,प्लास्टिक की डंडी ,प्लास्टिक के झंडे ,कैंडी में प्रयोग करने वाला प्लास्टिक स्टिक, थर्मोकोल की प्लेट ,प्लास्टिक के थर्मोकोल की कप और ग्लास, प्लास्टिक के काटे, प्लास्टिक वाली मिठाई के डब्बे ,निमंत्रण पत्र जिन में प्लास्टिक का इस्तेमाल हुआ हो ,तथा गिफ्ट पैकिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक की सामग्री, 100 माइक्रोन से कम मोटाई वाला प्लास्टिक के पीवीसी की बनी सामग्री के अलावा अन्य भी कई सामान सूची में शामिल किए गए हैं।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक बढ़ा रहा मानव में कई तरह की घातक बीमारियां : सिंगल यूज़ प्लास्टिक अब मानव सभ्यता के लिए खतरा बन चुका है। इस पर पूर्ण पाबंदी लगाना तथा इसमें सभी का सहयोग मिलना भी काफी जरूरी है। पॉलिथीन की वजह स भूमि की उर्वरा शक्ति नष्ट हो गई है। साथ ही साथ इसके धुएं से ओजोन लेयर में भी क्षति पहुंच रही है जो ग्लोबल वार्मिंग का बहुत बड़ा कारण बन रही है। सिंगल यूज प्लास्टिक की वजह से जमीन की उर्वरा शक्ति नष्ट होने के साथ-साथ भूगर्भीय जल स्रोत दूषित हो रहा है। इतना ही नहीं मनुष्य में सांस, त्वचा जैसी अन्य बीमारियों की आशंका भी बढ़ती जा रही है।