बदहाल सिस्टम: राज्य में ऑक्सीजन की किल्लत ‌से मरीज मर रहे है, दुसरी ओर कचरे मे फेके मिले 36 ऑक्‍सीजन सिलेंडर

डेस्क : संपूर्ण देशवासी इस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं। ऑक्सीजन की कमी से न जाने कितने मरीजों की मौत हो चुकी है। और हो भी रही है। तो वही दूसरी राज्य में माफियाओं द्वारा ऑक्सीजन का गोरख धंधा चलाया जा रहा हैं। हर रोज राज्य की विभिन्न अस्पतालों में अवैध तरीके से ऑक्सीजन का ब्लैक सप्लाई किया जा रहा है। ताजा मामला बिहार के पटना से जुड़ा हुआ है। जहां जिले के सिविल सर्जन कार्यालय से सटे जिला स्वास्थ्य समिति के बाहर करीब 36 नए ऑक्सीजन सिलेंडर कूड़े के ढेर बरामद किए गया। इस बबात की सूचना मिलते ही DM घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जांच में जुटी है। हालांकि, इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि विगत दो दिन में विभिन्न प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से ये खाली सिलेंडर मंगाए गए हैं। और इन्हें रिफिलिंग के लिए गैस एजेंसी भेजा जाना है। वहां से इन्हें कोविड डेडिकेटेड हेल्थ सेंटर भेजा जाएगा।

ऑक्सीजन की कमी से परिजन 40 हजार में खरीदने को मजबूर हैं: आपको बता दें राज्य में कोरोना संक्रमितों के परिजन ऑक्सीजन के लिए दर-दर भटक रहे हैं। लेकिन, फिर भी नहीं मिल पा रहा है। अस्पताल रोगियों को ऑक्सीजन की कमी का हवाला देते हुए मरीजों को दूसरे अस्पताल ले जाने को कह रहे हैं। वहीं प्राइवेट अस्पतालों में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों के परिजन 30 से 40 हजार में भी ऑक्सीजन सिलेंडर खरीदने को विवश हैं। ऐसे में खुले कूड़े के बीच 36 नए ऑक्सीजन सिलेंडर मिलना सिस्टम पर सवाल तो उठता है। जबकि इस संबंध में खुद पटना जिलाधिकारी मौके पर पहुंचे और जांच की। और आननफानन में सिलेंडरों को वहां से हटा दिया गया। डीएम चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि जिले में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। और सिलेंडर वहां फेंके नहीं गए थे, बल्कि जगह की कमी के कारण रखे गए थे।

सिविल सर्जन ने क्या बताया: पटना की सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी सिंह ने बताया डीएचएस स्टोर के पास रखे सभी सिलेंडर खाली थे और उन्हें दो दिन पूर्व ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से मंगाया गया। इन्हें डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर में भेजा जाना था। सभी सिलेंडरों को रिफिलिंग के लिए भेज दिया गया है। वहां से आने के बाद जरूरत के अनुसार कोविड सेंटरों को भेजा जाएगा।