अब बिहार में बायोमीट्रिक से लगेगी मजदूरों की हाजिरी – फर्जीवाड़ा पर लगेगी लगाम..

डेस्क : बिहार में मनरेगा में लाखों मजदूर काम करते हैं। यह एक कागजी अनुमान है, जो कि कागज तक ही सीमित है। धरातल पर मनरेगा मजदूरों का हक मारकर काफी फर्जीवाड़ा किया जाता है। इस पर सरकार ने एक पहल की है। अब अगले महीने से मनरेगा मजदूरों की बायोमेट्रिक हाजिरी लगाई जाएगी। मजदूर काम कर रहे हैं या नहीं इस बात का आसानी से पता लगाया जा सकेगा। कई ऐसी खबरें सुनने को भी मिलती है कि मनरेगा मजदूर के नाम पर कोई और पैसा मजदूरी उठा रहा है। ऐसे में बायोमैट्रिक हाजिरी एक बेहतरीन पहल साबित हो सकता है।

प्रदेश में 92.72 लाख सक्रिय मनरेगा श्रमिकों की बायोमीट्रिक हाजिरी लगाने की तैयारी पूरी कर ली गयी है। अधिकारियों का दावा है कि इससे फर्जीवाड़ा रोका जा सकता है। ग्रामीण क्षेत्रों में मनरेगा के तहत विकास कार्य तो होते हैं, लेकिन मजदूरों के भुगतान को लेकर अक्सर शिकायतें आती रहती हैं. विशेष रूप से दोहरा भुगतान, फर्जी जॉब कार्ड बनाकर पैसे की निकासी, पंचायत एजेंसियों द्वारा फर्जी हाजिरी दर्ज कराना आदि शामिल हैं।

गड़बड़ी रोकने के लिए पहले चरण में जिन मजदूरों के जॉब कार्ड हैं, उन्हें आधार से जोड़ा जा रहा है। दूसरे चरण में मजदूरों की बायोमीट्रिक हाजिरी के बाद भुगतान की व्यवस्था लागू की जायेगी.l। पटना के मनरेगा जिला कार्यक्रम अधिकारी के मुताबिक इसे जल्द ही लागू किया जाएगा।

इस प्रकार लगानी होगी हाजिरी : मजदूरों की बायोमैट्रिक हाजिरी के लिए किसी मशीन का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। जहां मजदूर काम करेंगे वहां तैनात पंचायत रोजगार सेवक व मेट अपने एंड्रायड मोबाइल फोन में उपलब्ध बायोमीट्रिक एप के माध्यम से मजदूरों की हाजिरी दर्ज कराएंगे।