डेस्क : सेब जैसे फलों की खेती से ज़्यादातर ठंडे प्रदेशों में ही होती है और इसकी खेती किसान अपनी आर्थिक स्थिति को काफ़ी ज्यादा हद तक सुधार भी सकते हैं। आपने आज तक यही देखा और सुना होगा कि सेब की खेती ठंडे प्रदेशों में ही की जाती है लेकिन आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि सेब की खेती अब गर्म प्रदेशों में भी की जा सकती है। अब सेब की कई क़िस्में भी विकसित हो गई हैं जिसकी वजह से किसान अब गर्म प्रदेशों में भी सेब की खेती भी कर पा रहे हैं। इसी कड़ी में बिहार के बेगूसराय जिले के रहने वाले एक किसान अमित कुमार ने इस पर पहल करते हुए बेगूसराय जिले में सेब की खेती कर रहे हैं।
बिहार में भी हो रही है सेब की खेती : सेब की खेती के लिए सबसे पहले ज़ेहन में सबसे पहले जम्मू और हिमाचल प्रदेश का नाम सामने आता है, लेकिन बिहार में सेब की खेती की बात सुन कर कई लोगों को इस बात का यक़ीन करना मुश्किल है, लेकिन असलियत यही है कि अब बिहार में भी सेब की खेती हो रही है।
बेगूसराय जिले के रहने वाले किसान अमित कुमार ने B. SC (एग्रीकल्चर) की पढ़ाई की है। उन्होंने ने ही अपने बेगूसराय ज़िले में सेब की खेती की पहल शुरू की है। सेब की खेती ज़्यादातर ठंडे प्रदेशों में ही होती है लेकि अमित कुमार ने क़रीब 1 साल भर पहले अपने खेतों मे सेब के ऐसे पौधे लगाए थे जिन्हें 40 से 45 डिग्री तापमान पर उगाया भी जा रहा है। अमित कुमार के मुताबिक ऊंचे तापमान के लिए हरमन-99 के नाम से एक खास किस्म की तैयार की गई जिसकी खेती गर्म प्रदेशों में की जा सकती है। हरमन-99 का प्रयोग राजस्थान में बेहद कामयाब रहा इस वजह से उन्होंने बिहार में बिहार में भी प्रयोग को दोहराया गया और कामयाबी हासिल की।
गरम प्रदेशों में हो सकती है हरमन-99 वेरायटी की खेती
अमित कुमार के अनुसार हरमन-99 वेरायटी पथरीली मिट्टी, दोमट या लाल मिट्टी किसी भी तरह की मिट्टी में उगाया भी जा सकता है। बेगूसराय जिले भी सेब की इस वेरायटी की खेती के लिए उपयुक्त है। ग़ौरतलब यह है कि किसी भी फसल की खेती के लिए सबसे जरूरी जलवायु है। अगर इसके अनुसार खेती करते हैं तो आपको कामयाबी भी ज़रूर मिलती है।
हरमन-99 वेरायटी को जलवायु के अनुसार भी तैयार किया गया है। यही वजह है कि गरम प्रदेशों में सेब की इस वेरायटी की खेती बहुत ही आसानी से की जा रही है। हम आपको बता दें कि बिहार के औरंगाबाद ज़िले में हरमन-99 की खेती की जा रही है। वहां के किसानों की कमाई लाखों में अब हो रही है। आपको बता दें कि पिछले वर्ष 4 कट्ठा जमीन में अमित कुमार ने कुल 86 पौधे लगाए थे जो अब फल देने लायक हो चुके हैं। वह अपनी खेती को और बढ़ाने की भी कोशिश कर रहे हैं।