डेस्क : सिल्क और केले की खेती के लिए विश्वविख्यात भागलपुर अब सेब की खेती के लिए भी जाना जाएगा। जी हां कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की तरह भागलपुर जिले में भी सेब की खेती होने लगी है। नवगछिया तेतरी के किसान गोपाल सिंह ने पांच एकड़ भूमि में सेब की खेती कर यह साबित कर दिया कि अगर इंसान में काम करने का जुनून है, तो वह कुछ भी कर सकता है। गोपाल सिंह चार साल से सेब की खेती कर रहे हैं । पिछले साल से सेब के पौधे ने फल देना शुरू कर दिया है। पिछले साल एक पेड़ में लगभग 20 किलो फल आया था।
सेब को जिले की मंडी के अलावा सिलीगुड़ी तक भेजा गया था। इस साल फरवरी से पेड़ में फूल के साथ फल आना शुरू हो जायेगा। जुलाई में सेब पूरी तक तैयार हो जायेगा। यह सेब एचआरएमएस 99 प्रभेद का है और इस प्रभेद की खेती देश के 23 राज्यों में की जा रही है। जानकारी के लिए बता दें की किसान गोपाल सिंह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर से चार साल पहले चार पौधा लाए थे।
पौधा लगाने के बाद जब मौसम के अनुरूप फल लगना शुरू हुआ, तो उन्होंने वहां से एक हजार पौधे लाकर लगाए। जिसका अच्छा परिणाम और मुनाफा मिला। एक पेड़ में लगभग बीस किलो सेब हुआ था। किसान ने बताया कि आठ साल बाद इसी एक पेड़ में एक क्विंटल सेब होगा। 80 प्रतिशत आर्गेनिक खाद का प्रयोग करते हैं, बीस प्रतिशत दवा का उपयोग पौधे में करते हैं।
आपको बता दे 8 साल पहले किसान गोपाल सिंह की केले की फसल बाढ़ के कारण तबाह हो गई। बार-बार बाढ़ से परेशान गोपाल सिंह ने खेती का ट्रेंड बदलने का तरीका अपनाया। गोपाल ने इंटरनेट और नागपुर जाकर खेती के तरीके सीखे। 8 साल की मेहनत का नतीजा यह है कि अब गोपाल सिंह को सालाना 10 लाख से ज्यादा की कमाई होती है। लोग उन्हें ऑरेंजमैन कहकर बुलाते हैं।