डेस्क : बिहार सरकार किसी भी परिस्थिति में सत्ता में वापसी चाहती है। शुक्रवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण (अत्याचार निवारण ) अधिनियम 1995 (समय-समय पर यथा संशोधित) के तहत गठित राज्यस्तरीय सतर्कता और मॉनिटरिंग समिति की बैठक में मुख्यमंत्री ने कई निर्देश दिए
- लंबित कांड का निष्पादन तेजी से कराएं। इन्वेस्टिगेशन कार्य को निर्धारित समय सीमा में पूर्ण करें ।
- अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के सचिव को निर्देश दिया कि लंबित कांडों का निष्पादन 20 सितंबर 2020 तक पूर्ण करें ।
- विधि विभाग द्वारा अनन्य विसेष न्यायालयों में अनन्य विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति की प्रक्रिया में तेजी लायें ।
- अनसूचित जाति/ जनजाति परिवार के किसी सदस्य की हत्या होने पर पीड़ित परिवार के सदस्य को नौकरी देने के प्रावधान के लिए तत्काल नियम बनाये।
- अनुसूचित जाति/जनजाति से संबंधित आज जितने विषयों की चर्चा हुई है और इसके अलावा उनके लिए चलायी जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ शीघ्र दिलाने के लिए मुख्य सचिव अपने स्तर पर इसकी समीक्षा करें ।
- अनुसूचित जाति/ जनजाति के उत्थान के लिए तथा उन्हें मुख्य धारा में जोड़ने के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही है । अन्य संभावनाओ / योजनाओं पर विचार करें ।