कांग्रेस की ओर से बड़ा ऐलान, घर लौट रहे मजदूरों के रेल टिकट का पूरा खर्च उठाएगी सोनिया गांधी

डेस्क : कोरोनावायरस जैसी वैश्विक महामारी की स्थिति में दूसरे राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों, कामगारों, श्रमिकों और छात्रों को अपने घर पहुंचाने का फैसला केंद्र सरकार ने लिया, जिसके लिए स्पेशल ट्रेन से उन्हें घर ले जाने की योजना शुरू की गई। यह सारे लोग वैसे लोग हैं जो कोरोनावायरस के कारण लंबे समय से दूसरे जगह पर फंसे हुए हैं और अब उन्हें पूरे 1 महीने बाद घर जाने की इजाजत मिली है। वहीं अब देखा जाए तो राजनीतिक बयानबाजी भी इस विषय को लेकर तेज होती नजर आ रही है। जहां एक तरफ केंद्र सरकार ने रेल किराए का पूरा खर्च मजदूरों से लेने का फैसला लिया है तो वहीं विपक्षी कांग्रेस की ओर से आए बयान ने सियासी रूप से राजनीति को हवा दे दी है।

कांग्रेस पार्टी मजदूरों के रेल का खर्च उठाएगी केंद्र सरकार के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से यह बयान सामने आया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी हर इकाई श्रमिक कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा के टिकट का खर्च उठाएगी और उनके हित के लिए कई जरूरी कदम भी ले सकती है। गौरतलब है कि जब 24 मार्च को लॉक डाउन लागु हुआ था तब लाखों की संख्या में मजदूर जिस स्थान पर थे वहीं पर फस गए थे जहां कुल 40 दिनों के बाद उन्हें घर जाने की इजाजत मिली है। सोमवार को जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि सिर्फ 4 घंटे के नोटिस पर लॉक डाउन लागु होने की वजह से देश के मजदूर अपने घर वापस नहीं जा पाए हैं। अगर देखा जाए तो 1947 की आजादी के बाद यह पहली बार हुआ है जब लाखों मजदूर पैदल ही हजारों किलोमीटर चलकर अपने घर के लिए निकल पड़े हैं।

बीजेपी- कांग्रेस के बीच बयानबाजी तेज एक तरफ जहां देश में कोरोना जैसी स्थिति बनी हुई है जहां हर रोज किसी न किसी की मृत्यु की खबर सामने आ रही है। वैसे में राजनीति पार्टियां अपनी सियासी चाल चलने से भी नहीं चूक रही है। एक तरफ जब केंद्र ने रेलवे के टिकट का पैसा मजदूरों से वसूलने की बात की तो सोनिया गांधी ने पलटवार करते हुए कहा कि जब हम विदेश में फंसे भारतीयों को बिना किसी खर्च के वापस ला सकते हैं, गुजरात के एक कार्यक्रम में सरकारी खजाने से 100 करोड़ खर्च कर सकते हैं तो फिर ऐसी मुश्किल स्थिति में मजदूरों के किराए का खर्च क्यों नहीं सरकार द्वारा उठाया जा सकता है।