बिहार है तो कुछ भी संभव है, बिहार में 99 थाने और ओपी गायब, गृह विभाग ने कही जांच की बात

जिन्हें जिम्मा मिलता है गायब लोगों, वस्तु आदि को खोजने का व्यक्ति या वस्तु की सुरक्षा का अगर वह खुद ही गायब हो जाए तो क्या हो.जी हां बिहार है तो कुछ भी संभव है और इसी कुछ भी संभव में बिहार के कई सारे थाने और ओ पी गायब हो गए हैं। यह थोड़ी अटपटी बात जरूर है, पर पूर्णता सच है। विधानसभा में हाल ही में इस मुद्दे पर बहस सुनने को मिली जिससे पता चला कि बिहार के 99 थाना और ओ पी गायब हो चुके हैं।

सोमवार को जब विधानसभा की कार्यवाही चल रही थी तभी सत्तारूढ़ दल बीजेपी के विधायक पवन जायसवाल ने अपनी बात रखते हुए बताया कि उनका सवाल भले ही नहीं आया, लेकिन उन्हें जवाब ऑनलाइन मिल चुका है। ज्ञातव्य हो कि बिहार के 99 थानों को खोजने के लिए पवन जायसवाल ने विधानसभा में सवाल उठाया था। गृह विभाग से सवाल करते हुए पूछा गया था कि बिहार के 62 थाना और 27 ओपी का नोटिफिकेशन पुलिस हेडक्वार्टर को क्यों नहीं मिल रहा है, जबकि एक कंपनी टी ए एस एल जिसे की थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम दिया गया था जब उन्हें थाने नहीं मिली तो यह मुद्दा सामने आया।

गायब हुए थानों में राजधानी पटना का इमामगंज, मुसल्लहपुर, चित्रगुप्त नगर साथ ही पूर्वी चंपारण का जमुनिया, गीतवा, नवाब, रामपुर, गरिया बाजार, खजुरिया, नारायण चौक लखौरा सहित कुल 99 थाना और ओ पी लापता सूची में है। जब बीजेपी विधायक पवन जायसवाल ने सवाल उठाते हुए जवाब की मांग की तो जवाब में सरकार ने लापता थानों को जांच करने की बात मानी है। पर ये थाने कब मिलेंगे, पता नहीं। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि एक सीसीटीवी लगाने वाली कंपनी को गायब थानों और ओ पी का पता चल जाता है, लेकिन पुलिस हेड क्वार्टर को हो या होम मिनिस्ट्री को इस बात की भनक तक नहीं रहती है।