भागलपुर के पीरपैंती के पास मंदार गांव में 230 मिलियन टन कोयला मिला है। इसका उत्खनन साल 2026 से शुरू हो जाएगा। वहां प्रति वर्ष 60 मिलियन टन कोयले का उत्खनन हो सकता है। इसकी जिम्मेवारी भारत कोकिंग कोल लिमिटेड (बीसीसीएल) को सौंपी गई है। उत्पादन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। इसके अलावा पास के गांव मिर्जापुर में भी खुदाई हो रही है। वहां भी करीब तीन-चार सौ मिलियन टन कोयला मिलने का अनुमान है।
बुधवार को सूचना भवन में पत्रकारों से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि बिहार में किसी सूरत में बालू की किल्लत नहीं होने दी जाएगी। अवैध खनन पर नजर रखने के साथ-साथ बालू की सुलभता पर भी सरकार गंभीर है। नयी बालू नीति से बालू की उपलब्धता सहज होगी और माफियों पर अंकुश लगेगा। उन्होंने बताया कि इस साल विभाग ने दो हजार करोड़ राजस्व वसूली का लक्ष्य तय किया है और इसे हर हाल में पूरा किया जाएगा।
बिजलीघरों बनाने में किया जा सकता इस्तेमाल
खान एवं भूतत्व मंत्री ब्रजकिशोर बिंद एवं निदेशक अरुण प्रकाश ने बताया कि झारखंड के साहेबगंज जिले से सटे बिहार के मंदार गांव के आसपास मौजूद कोयले का ग्रेड जी-12 उपलब्ध है। इसे अच्छी क्वालिटी का कोयला माना जाता है। इसका इस्तेमाल बिहार के बिजलीघरों में किया जा सकता है। इसके इस्तेमाल के लिए बिहार में बिजली उत्पादन का प्रोजेक्ट लगाने का सुझाव भी आया है। अगर ऐसा हुआ तो बिजली घरों को सस्ता कोयला मिलेगा। बिहार को बिजली भी सस्ती मिल सकती है
उत्खनन का काम 2026 से शुरू हो जाएगा। प्रति वर्ष 60 मिलियन टन कोयले का खनन हो सकता है। जिम्मेवारी बीसीसीएल को सौंपी गई है। उत्पादन के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार कर ली गई है। पास के गांव मिर्जापुर में भी खुदाई हो रही है। वहां भी करीब तीन-चार सौ मिलियन टन कोयला मिलने का अनुमान है।