न्यूज डेस्क : बिहार प्रदेश युवा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार ने राज्य सरकार से पूछा है कि बिहार में कृषि मंडी खत्म हुए 14 वर्ष बीत गए हैं। वो बताए कि बिहार में इससे कितना निवेश आया। केंद्र सरकार लगातार कह रही है कि नए कृषि कानून के तहत निजी क्षेत्र के आने से किसानों को लंबे समय में फायदा होगा। यह दीर्घकालिक नीति है। इसका फायदा बिहार को मिला होता तो किसानों को कम दाम पर फसल क्यों बेचना पड़ रहा है।
सबसे कम आय वाले राज्यों में बिहार का नाम है। दरअसल कृषि कानूनों की लड़ाई एमआरपी बनाम एमएसपी की है। उन्होंने कहा कि केंद्र कह रहा है कि वो कृषि मंडियों में सुधार लाने ये के लिए कानून लाए हैं। जबकि सच्चाई पंजाब के किसान स्पष्ट कह रहे हैं। उनका कहना है कि मंडियों को खत्म करने पर सरकार अड़ी हुई है। देश के किसान कंपकंपाती ठंड में अपनी जीविका बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। कांग्रेस सरकार ने एमएसपी बनायी थी जो चार दशक से चली आ रही थी।