मोदी मंत्रिमंडल में पार्टी ने हिस्सेदारी माँगा, क्या JDU के तेवर अब बदले ….

डेस्क : अरुणाचल प्रदेश में जेडीयू (JDU) पार्टी के 6 विधायकों के बीजेपी में जाने का मसला हो या फिर चिराग पासवान की पार्टी लोजपा (लोक जनशक्ति पार्टी) जिसने स्वच्छंदता के साथ बिहार में चुनाव लड़ना, एनडीए को उसके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का मुद्दा। मालूम हो कि एलजेपी अब न तो बिहार और न ही दिल्ली में एनडीए का पार्ट है। ऐसे में चिराग पासवान का रामविलास पासवान या अंबेडकर के नाम पर चुनाव नहीं लड़ा जिनके विचारों पर उनकी पार्टी खड़ी है बल्कि चुनाव मोदी के नाम पर लड़ना। ये सब बातें जब एक साथ मिलती है तो पता चलता है कि गठबंधन में कहीं तो कुछ सही नहीं है।

खासकर अरुणाचल प्रदेश का मामला गठबंधन की राजनीति के लिए ठीक नहीं है। ये सब बातें एक बात कि ओर तो साफ़ इशारा कर रही है कि बिहार में नई सरकार के गठन के साथ ही जेडीयू (JDU) के भी तेवर अब बदले-बदले नजर आ रहे हैं। जहां बीते रविवार को पार्टी के राज्यसभा सांसद आरसीपी सिंह (RCP Singh) को राष्ट्रीय अध्यक्ष की कमान सौंप दी गई तो लगे हाथों पार्टी ने केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) में भी अपनी हिस्सेदारी मांग रख दी है। पार्टी के वरिष्‍ठ नेता और प्रधान महासचिव केसी त्यागी ने रविवार को पटना में कहा कि हम केंद्रीय मंत्रिपरिषद में संख्या के अनुपात में उचित प्रतिनिधित्व चाहते हैं। बिहार का जिक्र करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि बिहार में गठबंधन को लेकर कोई विवाद नहीं है। हमारा मन अरुणाचल प्रदेश के घटनाक्रम को लेकर जरूर दुखी है।

जेडीयू के नेता केसी त्यागी ने लव जिहाद समेत अन्य मुद्दों पर भी पार्टी के अलग स्टैंड को क्लियर किया। केसी त्यागी ने कहा कि लव जिहाद के मुद्दे को लेकर देशभर में घृणा का माहौल पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने अटल बिहारी के अटल धर्म का पालन सभी घटक दलों को करना चाहिए। त्यागी ने कहा कि जदयू विधायकों को मंत्रिपरिषद में शामिल करने की बजाय पार्टी में शामिल कर लिया गया, जबकि जेडीयू ने बिहार में कभी भी ऐसा नहीं किया है। अरुणाचल प्रदेश की घटना से पार्टी आहत है। नीतीश कुमार का जिक्र करते हुए केसी त्यागी ने कहा कि वह संख्याबल के नहीं, बल्कि साख के नेता हैं। नीतीश कुमार के नेतृत्व और आभामंडल को संख्या बल के आधार आंकलन नहीं करना चाहिए। नीतीश कुमार अन्य राज्यों में भी पार्टी के लिए काम करेंगे।