कश्मीर के पुलवामा हमले में बिहार से 2 जवान हुए थे शहीद , बेटी की शादी के लिए लड़का देखने आने बाले थे संजय …

न्यूज डेस्क ( सुमन सौरभ ) : दो साल पहले 14 फरबरी को कश्मीर के पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इनमें से 2 जवान बिहार के भी रहने वाले थे। उनमें से जवान रतन कुमार ठाकुर जो भागलपुर से थे. और संजय कुमार सिन्हा तरेगना नालंदा के रहने वाले थे।

जवान रतन कुमार घर के इकलौता पुत्र थे जवान रतन कुमार 2011 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। पहली पोस्टिंग गढ़वा में हुई। नौकरी लगते ही घर का दुख धीरे-धीरे कम होने लगा। एक ही होनहार सपूत था. परिजनों के अनुसार दोपहर डेढ़ बजे रतन ने पत्नी राजनंदनी को फोन किया था। कहा था कि श्रीनगर जा रहे हैं, शाम में पहुंच जाएंगे, इसके बाद बात करेंगे। शाम चार बजे उसके ऑफिस से फोन आया और रतन का मोबाइल नंबर लिया गया. फिर उसकी पत्नी को जब शक हुआ तो उसने छोटी बेटी नीतू से बोला जरा टीवी ऑन करो। टीवी पर आतंकी हमले की खबर चल रही थी, यह देखकर दिल बैठने लगा। रतन के बारे में जानने के लिए कमांडर को फोन मिलाया। उन्होंने कहा कि अभी कुछ नहीं बता सकते हैं। कुछ कंफर्म होगा तो बताएंगे। अब तो कोई फोन ही नहीं उठा रहा है।

बेटी की शादी के लिए लड़का देखने आनेवाले थे संजय तरेगना मठ निवासी संजय कुमार सिन्हा 15 दिन बाद गांव आने वाले थे। उन्हें बड़ी बेटी रूबी की शादी के लिए लड़का देखना था। 8 फरवरी को ही संजय गांव से ड्यूटी पर गए थे। एक दिन पहले ही पिता महेंद्र सिंह और पत्नी बबीता से बात की थी। कहा था- 15 दिनों में आ रहा हूं। छुट्टी का आवेदन दे दिया हूं। गुरुवार की रात अचानक नालंदा के परवलपुर में रहने वाले बहनोई जितेंद्र कुमार को संजय की शहादत की सूचना मिली। फिर उन्होंने हिम्मत कर यह मनहूस खबर संजय के घरवालों को दी। फिर क्या था, गांव में कोहराम मच गया। उनकी दोनों बेटियां रूबी और छोटी व पत्नी दहाड़ मारकर रोने लगी। संजय का बेटा सोनू कोटा में मेडिकल की तैयारी करता है। शहादत की खबर मिलने के बाद पूरे गांव में सन्नाटा पसर गया था ।