डेस्क : लोजपा पार्टी का भार अब चिराग पासवान पर आ चुका है। ऐसे में वह एक नए और युवा चेहरे जो की पूरी ऊर्जा के साथ बिहार की राजनीती में उतरे हुए थे पूरी जिम्मेदारी से हर सभा में भाग लेते नजर आ रहे थे। पर हाल ही में हुए राम विलास पासवान के निधन से उनको और उनके परिवार को ख़ासा झटका लगा है। राजनीती से पहले वह अपना हाथ बॉलीवुड में आजमा चुकें है।
उनकी पहली फिल्म साल 2011 में कंगना रनौत के साथ आई थी जिसका नाम था “मिले न मिले “जिसमें वह इश्क लड़ाते नजर आये थे। और आये भी क्यों न ? आखिर यह फिल्म रोमांटिक फिल्म जो थी। परन्तु इस फिल्म के बाद वह कभी नहीं मिले।
परन्तु यह उनकी जिंदगी की आखिरी फिल्म बन गई, क्यूंकि यह कुछ ख़ास कर नहीं पाई बॉक्स ऑफिस पर। यह हाल देखने के बाद वह अपने पिता के साथ राजनीति में कूद पड़े। अभिनेता से नेता बने चिराग पासवान ने 2014 में जमुई लोकसभा सीट से चुनाव जीत पहली बार संसद का रास्ता तय किया था। और उनका यह फैसला तब बिलकुल जायज़ नजर आने लगा जब वह अपने बोलने की शैली से जनता को प्रभावित करने लगे साथ ही संसद में वाह वाही भी उनको मिली। आपको बता दें की संसदीय दल की बैठक में उनको नरेंदर मोदी द्वारा जमकर तारीफ भी मिली।