प्रतिष्ठित पेशे छोड़कर MLA बनने को तैयार हैं यह प्रत्याशी, कोई है डॉक्टर तो कोई DM – देखें पूरी लिस्ट

डेस्क : बिहार विधानसभा चुनाव में अनेकों तरह के पेशे वाले लोग चुनावी जंग में उतरते नजर आ रहे हैं ऐसे में कई लोगों ने अपनी प्रसिद्ध नौकरियों की कुर्बानियां दे दी है इस चुनावी मैदान में कोई सरपंच, कोई मुखिया, कोई जिला परिषद अध्यक्ष है तो वहीँ कुछ लोग शिक्षक, दरोगा और बीडीओ जैसी प्रसिद्ध नौकरी को छोड़ कर चुनाव में हाथ आजमाने उतर गए हैं। ऐसे में चलिए जानते हैं कुछ ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जिन्होंने अपनी प्रतिष्ठित पेशे छोड़कर अपनी जिंदगी को चुनावी दिशा देने की कोशिश करी है।

रानीगंज से उतरे राजद प्रत्याशी अविनाश मंगलम पेशे से नियोजित शिक्षक थे वह शुरू से ही संगठित होकर काम करने में यकीन रखते हैं उनका कहना है कि मन की संतुष्टि ना मिलने के कारण उन्होंने नियोजित शिक्षक की नौकरी छोड़ दी और चुनाव लड़ने मैदान में उतर गए साथ ही टिकट हासिल करने में उन्हें कामयाबी मिली है।

भोजपुर से शाहपुर विधानसभा क्षेत्र के रालोसपा से टिकट लेकर वेद प्रकाश मैदान में उतरे हैं। वेद प्रकाश पेशे से डॉक्टर हैं, वह बाहर डॉक्टरी करते थे। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत 2001 में की थी पर ना जाने उनके मन में क्या आया कि वह बाहर से काम छोड़कर बिहार आ गए और आमदा हो गए कि चुनाव शाहपुर से ही लड़ेंगे और अब वह चुनाव मैदान में उतर चुके हैं।

राजेश की तरफ से पुत्री गौतम कृष्ण महिषी से सीनियर डिप्टी कलेक्टर थे। वह नौकरी छोड़ कर इस बार चुनाव मैदान में उतरे हैं और भाजपा अररिया, नरपतगंज से जयप्रकाश यादव को अपना प्रत्याशी बनाया है वह पुलिस इंस्पेक्टर रह चुके हैं और बक्सर से भाजपा के टिकट पर परशुराम चतुर्वेदी भी पुलिस में रह चुके हैं।

अररिया जिले से जेडीयू ने शगुफ्ता अजीम को अपना प्रत्याशी चुना है वह पहले जिला परिषद की सदस्य रह चुकी है। इसके बाद जीरादेई से जदयू के प्रत्याशी कमला कुशवाहा प्रखंड प्रमुख रही हैं साथ ही चनपटिया से भाजपा प्रत्याशी उमाकांत सिंह मुखिया रहे हैं साथ ही ऋतु जयसवाल भी मुखिया रह चुकी है।