डेस्क : बिहार में बिजली पहुंचाने के लिए भरपूर प्रयास किया जा रहा है। ऐसे में बिजली की कमी ना हो, इसके चलते बिहार ने छत्तीसगढ़ से हाथ मिलाया है और करीब ढाई हजार मेगावाट बिजली खरीदने का प्रस्ताव जारी किया है। ऐसे में यह एक करार है जिसमें बिहार विद्युत विनियामक आयोग के द्वारा मंजूरी मिल गई है। कंपनी का कहना है कि अगले 3 वर्षों तक वह बिजली की खरीदारी करेगी और बिहार में बिजली की कमी को पूरा करेगी। ऐसे में बिजली खरीद पर ख़ास ध्यान रखने को कहा गया है, जिससे यह हो सके कि बिजली खरीदने से लोगों पर असर ना पड़े।
बिजली बाजार में 4 रुपए प्रति यूनिट के हिसाब से खरीदी जाएगी। कम से कम 55% मेगावाट बिजली खरीदने की इजाजत मिली है। ऐसे में यह बिजली खुले बाजार के मुकाबले सस्ती है, जिस वजह से आयोग का कहना है कि कंपनी की याचिका मंजूर करना अनिवार्य है। इस वक्त बिहार 1200 से 1800 मेगावाट बिजली दूसरों से ही खरीद रहा है और उसको खुले बाजार से बिजली खरीदनी पड़ रही है। लेकिन, वही 3000 मेगावाट बिजली की जरूरत एनटीपीसी के माध्यम से पूरी हो रही है। इस बिजली की खरीदारी में यह सुनिश्चित किया गया है कि सरकार को ज्यादा से ज्यादा पैसे न खर्चने पड़ें और इसका असर लोगों पर भी हो सकता है। इसलिए सारी बातों को ध्यान में रखते हुए ही बिजली करार योजना बनाई गई है।