न्यूज डेस्क (शिक्षा मिश्रा): बिहार के मुंगेर जिले में स्थित जमालपुर की पहाड़ियों में अब राज्य का दूसरा रेल सुरंग अब लगभग बनकर तैयार हो चुका है। बिहार में दूसरा सुरंग बन जाने के बाद डाउन की ट्रेन जमालपुर और रतनपुर में नहीं फंसेगी, बल्कि भागलपुर क्यूल स्टेशन पर ट्रेन का परिचालन और भी बेहतर हो जाएगा । इस रेल सुरंग का निर्माण कार्य 2019 में ही शुरू हो गया था और उम्मीद लगाई जा रही थी की 2020 के मार्च तक सुरंग बनकर तैयार भी हो जाएगी । पर कोरोना महामारी के चलते काम रुक गया और फिर 2020 के जून से काम में तेजी आई ।
आस्ट्रेलिया की तकनीक का इस्तेमाल: राज्य का पहला सुरंग भी जमालपुर में ही स्थित है। इसका निर्माण 1865 में ब्रिटिश राज ने करवाया था। अब पुराने सुरंग के पास ही नए सुरंग का निर्माण हो रहा है। इस नए रेल सुरंग में खास बात यह है की आस्ट्रेलिया की तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है। रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर रंजीत कुमार ने इस संदर्भ में कहा कि नए सुरंग पहले की सुरंग से अलग बनाया जा रहा है। इसकी डिजाइन भी अलग है। इसके साथ ही सुरंग के ऊपरी और चारों तरफ के हिस्सों को नया लुक दिया गया है।
क्या है खासियत? बिहार का यह रेल सुरंग ऑस्ट्रेलियन तकनीक से बनाया जा रहा है। यह पहले सुरंग के बगल में होगा पर खास बात यह है की यह उससे बिल्कुल अलग तकनीक पर बनाया जा रहा है । इस सुरंग के दोनों तरफ पैदल जाने का रास्ता भी बनाया गया है। ताकि आम लोग भी पैदल आ जा सके । जमालपुर में बने पुराने सुरंग की तुलना में नए सुरंग की लंबाई लगभग दो सौ फीट ज्यादा है। पुराने सुरंग की लंबाई 710 फीट है, जबकि नए सुरंग की लंबाई 903 फीट है। चौड़ाई भी 10 फीट ज्यादा है। वही इसका काम बहुत ही तेजी से किया जा रहा है और उम्मीद है की 2 से 3 महीने में यह बनकर तैयार हो सकता है। नए सुरंग के बनने के बाद लगभग 3 किलोमीटर बची रेल ट्रैक दोहरिकरण का रास्ता भी साफ हो जाएगा और साथ ही समय की काफी बचत होगी।